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ग्वालियर में भाजपा के सदस्यता अभियान पर हाई कोर्ट सख्त, पूछा- इतना बड़ा कार्यक्रम कैसे हो गया

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने ग्वालियर में भाजपा के सदस्यता अभियान कार्यक्रम को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कड़ा रुख अपनाया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 24 Aug 2020 11:00 PM (IST)Updated: Tue, 25 Aug 2020 05:29 AM (IST)
ग्वालियर में भाजपा के सदस्यता अभियान पर हाई कोर्ट सख्त, पूछा- इतना बड़ा कार्यक्रम कैसे हो गया
ग्वालियर में भाजपा के सदस्यता अभियान पर हाई कोर्ट सख्त, पूछा- इतना बड़ा कार्यक्रम कैसे हो गया

ग्वालियर, जेएनएन। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की दो सदस्‍यीय पीठ ने ग्वालियर में भाजपा के सदस्यता अभियान कार्यक्रम को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कड़ा रुख अपनाया है। हाई कोर्ट ने सवाल किया है कि जब शादी समारोह और अंत्येष्टि में लोगों की संख्या निर्धारित है तो शहर में इतना बड़ा राजनीतिक कार्यक्रम करने की अनुमति किसने दी। कार्यक्रम में सुरक्षित शारीरिक दूरी कहां दिख रही है। सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता ने स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का समय मांगा।

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तलब की एक्‍शन रिपोर्ट

अदालत ने याचिका का निस्तारण करते हुए आदेश दिया कि कोविड-19 को लेकर सुप्रीम कोर्ट एवं केंद्र सरकार की गाइडलाइन का यदि कोई उल्लंघन करता है और कलेक्टर और एसपी के पास शिकायत आती है तो उल्लंघन करने वाले के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई करनी चाहिए। हाई कोर्ट ने भाजपा के सोमवार के कार्यक्रम को लेकर भिंड के कलेक्टर व एसपी से 15 दिन में कार्रवाई कर रिपोर्ट मांगी है। कार्रवाई रिपोर्ट हाई कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा करनी होगी। अधिवक्ता हेमंत राणा ने हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में इस बारे में जनहित याचिका दायर की थी।

...तो किसकी जिम्मेदारी होगी

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजीव शर्मा ने सुनवाई के दौरान तर्क दिया कि ग्वालियर में कोरोना वायरस का संक्रमण तेज गति से फैल रहा है। प्रतिदिन 100 से ज्यादा मरीज मिल रहे हैं। संक्रमण के चलते दूसरे कोई कार्यक्रम नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में भाजपा ने शहर में अपना सदस्यता अभियान चलाया। शहर के अलग-अलग इलाकों में तीन दिनों तक लगातार कार्यक्रम किए। याचिका में कहा गया है कि भाजपा के इस कार्यक्रम से कोरोना फैलने का खतरा बढ़ा है। आस पास के जिलों से कार्यकर्ताओं को शहर में लाया गया। ऐसे में यदि कोरोना फैलता है तो किसकी जिम्मेदारी होगी।

ऐसे कार्यक्रमों पर लगाई जाए रोक

याचिका में मांग की गई है कि चुनाव को लेकर कोई गाइडलाइन नहीं आती है तब तक भाजपा और कांग्रेस समेत अन्य पार्टियों के इस तरह के कार्यक्रमों पर रोक लगाई जाए। यह लोगों की सुरक्षा का मामला है। शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अंकुर मोदी सुनवाई के दौरान उपस्थित हुए। उन्होंने शासन से दिशा-निर्देश लेने के लिए समय मांगते हुए स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के लिए याचिका की सुनवाई 25 अगस्त को करने का आग्रह किया लेकिन कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना आदेश जारी किया।

हाई कोर्ट ने दिए निर्देश

1- 22 से 23 अगस्त के बीच ग्वालियर व मुरैना विधान सभा क्षेत्रों में कार्यक्रम हुए। सोमवार को ग्वालियर में हुए भिंड जिले के कार्यक्रम को लेकर कोर्ट ने आदेश दिया है कि कलेक्टर व एसपी भिंड कोविड-19 की गाइडलाइन का उल्लंघन पाते हैं तो संबंधितों के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई करेंगे।

2- कलेक्टर व एसपी को आदेश दिया है कि समय पर सुनिश्चित करें कि कुछ व्यक्ति, मंडली कोविड-19 की गाइडलाइन का उल्लंघन तो नहीं कर रहे।

इनको बनाया प्रतिवादी

जनहित याचिका में ग्वालियर, मुरैना, भिंड जिले के कलेक्टर एवं एसपी को प्रतिवादी बनाया गया। साथ ही ग्वालियर शहर भाजपा अध्यक्ष कमल माखीजानी को भी प्रतिवादी बनाया गया था।

कांग्रेस ने चार थानों में की शिकायत

वहीं मध्‍य प्रदेश कांग्रेस ने ग्वालियर के चार थानों में शिकायती आवेदन देकर कलेक्टर और एसपी के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि कोरोना काल में भाजपा को तीन दिवसीय सदस्यता अभियान की इजाजत देकर कलेक्टर और एसपी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय की गाइडलाइन का उल्लंघन किया है। प्रदेश मीडिया प्रभारी केके मिश्रा ने पड़ाव थाने में एएसपी सतेंद्र सिंह तोमर को लिखित आवेदन दिया। एएसपी ने जांच के बाद कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। 


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