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Madhya Pradesh Bypolls: हाईकोर्ट का आदेश, कोविड गाइडलाइन का पालन न करने वालों पर दर्ज किए जाएं केस

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने आदेश दिया है कि राजनीतिक कार्यक्रमों में यदि कोविड-19 गाइडलाइंस का उल्लंघन होता है तो जिसके लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया है उसके खिलाफ आइपीसी एवं आपदा नियंत्रण कानून के तहत केस दर्ज किए जाएं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 03 Oct 2020 08:14 PM (IST)Updated: Sun, 04 Oct 2020 01:44 AM (IST)
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने राजनीतिक कार्यक्रमों में भीड़ को लेकर सख्ती दिखाई है।

ग्वालियर, जेएनएन। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने अंचल में हो रहे राजनीतिक कार्यक्रमों में भीड़ को लेकर सख्ती दिखाई है। अदालत ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि अधिकारी कोविड-19 गाइडलाइन का अनुपालन कराने में असमर्थ दिखने के साथ इसकी अनदेखी भी कर रहे हैं। अदालत ने आदेश दिया कि राजनीतिक, शासकीय और सामाजिक कार्यक्रमों में यदि कोविड-19 गाइडलाइंस का उल्लंघन होता है तो जिसके लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया है उसके खिलाफ आइपीसी एवं आपदा नियंत्रण कानून के तहत केस दर्ज किए जाएं।

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उच्‍च न्‍यायालय ने कहा कि यदि अधिकारी ऐसा नहीं करते हैं तो वे अदालत की अवमानना के लिए जिम्मेदार होंगे। कोर्ट ने राजनीतिक पार्टियों को सलाह दी कि वे भीड़ जुटाने की बजाय प्रचार के लिए इलेक्ट्रानिक माध्यम भी चुन सकते हैं। केंद्र, राज्य और जिला कलेक्टर द्वारा समय-समय पर जारी की गई गाइडलाइंस का पालन करना होगा। अदालत आशीष प्रताप सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। आशीष उपचुनाव के दौरान होने वाली सभाओं में कोरोना गाइडलाइंस के उल्लंघन के खिलाफ हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 30 सितंबर को मुरैना, ग्वालियर, भिंड, दतिया, शिवपुरी के कलेक्टर और एसपी का पक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुबह 9:30 बजे से 11 बजे तक सुना। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। शनिवार को कोर्ट ने फैसला देते हुए उक्त निर्देश जारी किए। पांच जिलों के कलेक्टरों ने सुनवाई के दौरान कहा था कि कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन कराने के लिए उनके द्वारा हरसंभव कोशिशें की जा रही हैं। लोगों में कोविड-19 की गाइडलाइन के संबंध में जानकारी नहीं होने के कारण उल्लंघन हो रहा है।

अधिकारियों का कहना था कि मौजूदा समय में उपचुनाव प्रचार और सभाओं में भीड़ हो रही है। लोगों के खिलाफ बल प्रयोग करना संभव नहीं है। अदालत ने न्यायमित्र की रिपोर्ट और याचिकाकर्ता द्वारा उपलब्ध कराई गई तस्‍वीरें देखने के बाद कहा कि राजनीतिक कार्यक्रमों में राजनेता कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन कर रहे हैं। कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया कि उसके अधिकार क्षेत्र में आने वाले ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, श्योपुर, गुना, अशोकनगर और विदिशा जिले में किसी भी राजनीतिक, प्रशासनिक और सामाजिक कार्यक्रम में गाइडलाइन का उल्लंघन हुआ तो उसके खिलाफ केस दर्ज किया जाए जिसके लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया है। 


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