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अयोध्या में राम मंदिर भूमिपूजन के राजनीतिक नफा-नुकसान में उलझी मध्य प्रदेश कांग्रेस

पूर्व मुख्यमंत्री और मप्र कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास का श्रेय आज भी पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी को देने से नहीं चूके।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 10:40 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 10:40 PM (IST)
अयोध्या में राम मंदिर भूमिपूजन के राजनीतिक नफा-नुकसान में उलझी मध्य प्रदेश कांग्रेस
अयोध्या में राम मंदिर भूमिपूजन के राजनीतिक नफा-नुकसान में उलझी मध्य प्रदेश कांग्रेस

रवींद्र कैलासिया, भोपाल। अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए बुधवार को भूमिपूजन होना है जिसके राजनीतिक नफा-नुकसान में मध्य प्रदेश कांग्रेस उलझ गई है। वह सीधेतौर पर शिलान्यास का समर्थन करने से बच रही है। कांग्रेस नेता व मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह शुभ मुहूर्त पर सवाल उठा रहे हैं। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने स्वयं हनुमान चालीसा का पाठ किया और प्रदेश के कांग्रेसजनों ने भी अपने निवास और मंदिरों में हनुमान चालीसा पाठ कर प्रदेश की खुशहाली, उन्नति की प्रार्थना की।

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विधानसभा उपचुनाव के चलते कांग्रेस फूंक-फूंक कर उठा रही कदम

प्रदेश में 27 विधानसभा क्षेत्रों में अगले कुछ दिनों में उपचुनाव होने जा रहे हैं। इसके मद्देनजर अयोध्या के श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए बुधवार को होने जा रहे भूमिपूजन को लेकर कांग्रेस फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है। वह किसी भी तरह से राममंदिर निर्माण का श्रेय भाजपा को देने से बच रही है। उपचुनाव में राजनीतिक फायदे-नुकसान देखकर कांग्रेस ने भी हिंदू धर्म में अपनी आस्था को दिखाते हुए मंगलवार को प्रदेशभर में हनुमान चालीसा का पाठ किया। इसे राम मंदिर निर्माण के भूमिपूजन कार्यक्रम के पूर्व का आयोजन बताने से बचते हुए कांग्रेस ने भगवान से प्रदेश की खुशहाली, उन्नति और नागरिकों के स्वास्थ्य की प्रार्थना बताया।

कमल नाथ राजीव गांधी को दे रहे श्रेय

पूर्व मुख्यमंत्री और मप्र कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास का श्रेय आज भी पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी को देने से नहीं चूके। इसी तरह प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता कहते हैं कि राजीव गांधी द्वारा 1989 में शुरू किए गए प्रयासों के कारण ही आगे चलकर राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई थी, लेकिन एक शंकराचार्य के सहमत नहीं होने से फैसला टाल दिया था।

अशुभ मुहूर्त के बहाने सियासी लाभ का आरोप

इधर, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भूमि पूजन कार्यक्रम के अशुभ मुहूर्त को लेकर कई दिनों से विरोध कर रहे हैं। हालांकि दोनों ही नेता राम मंदिर निर्माण का खुलकर विरोध नहीं कर पा रहे हैं। पहले उन्होंने राम मंदिर निर्माण शिलान्यास कार्यक्रम में शंकराचार्यो को नहीं बुलाए जाने पर आपत्ति की थी और अब वे इसके मुहूर्त पर सवाल उठाकर भाजपा पर यह आरोप लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि वह राजनीतिक लाभ के लिए मंदिर निर्माण का भूमिपूजन कर रही है।

दिग्विजय ने अब उमा भारती का सहारा लिया

उधर, दिग्विजय सिंह ने अपने ट्विटर एकाउंट पर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की मीडिया से बातचीत का एक वीडियो रिट्वीट करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया है। वीडियो में उमा भारती यह कहते हुए सुनाई दे रही हैं कि राम का नाम अयोध्या या भाजपा की बपौती नहीं है। वो सबके हैं। जो भाजपा में है या भाजपा में नहीं हैं, जो भी राम का नाम लेता है वो किसी भी धर्म के हों या किसी भी पार्टी के हों, किसी भी समुदाय के हों, सब अधिकार रखते हैं कि इस बारे में अपनी राय दें। अधिकार को रोकने का अहंकार पाल लेंगे कि राम पर हमारा पेटेंट है तो हम भूल रहे हैं कि हमारा अंत होना है, राम नाम तो अनादि, अनंत है।

भगवान हनुमान का पूजन मंगलवार या शनिवार को होता है। सौभाग्य से मंगलवार चार अगस्त को पड़ा इसलिए हनुमान चालीसा के पाठ का आयोजन इस दिन किया गया। कमल नाथ का यह आयोजन नितांत निजी कार्यक्रम था, इसमें राजनीति खोजना उचित नहीं है-भूपेंद्र गुप्ता, उपाध्यक्ष, मीडिया विभाग, मप्र कांग्रेस कमेटी।


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