मध्य प्रदेश सीएम ने धर्म स्वातंत्र्य कानून पर दी जानकारी, अब अगर किए ऐसे काम तो मिलेगी सख्त सजा
प्रस्तावित बिल में प्रावधान किया गया है कि किसी व्यक्ति द्वारा धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास किया जाता है तो पीड़ित के माता-पिता या उसका कोई संबंधी भी शिकायत दर्ज करा पाएगा। ऐसी शिकायत पर पुलिस को आरोपी के खिलाफ तुरंत केस दर्ज करने का आदेश दिया गया है
भोपाल, एएनआइ। धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम को लेकर शनिवार देर शाम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें बिल के प्रावधानों को लेकर मंथन किया गया। इस मौके पर सीएम ने कहा कि अब प्रदेश में कोई भी व्यक्ति किसी को बहला-फुसलाकर, डरा-धमका कर शादी कर या षडयंत्र कर धर्म परिवर्तन नहीं करा पाएगा। ऐसा करने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए कानून में सख्त प्रावधान बनाए जा रहे हैं। प्रदेश की शिवराज सरकार ने इस कानून मेंएक और प्रावधान जोड़ दिया है, जिसके तहत 2 या इससे अधिक लोगों का धर्म परिवर्तन कराने के दोषियों को 5 से 10 साल तक की सजा और 1 लाख का जुर्माना भुगतना पड़ेगा।
बता दें कि प्रस्तावित बिल में प्रावधान किया गया है कि किसी व्यक्ति द्वारा धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास किया जाता है, तो पीड़ित के माता-पिता या उसका कोई संबंधी भी शिकायत दर्ज करा पाएगा। ऐसी शिकायत पर पुलिस को आरोपी के खिलाफ तुरंत केस दर्ज करने का आदेश दिया गया है और इनमें अपराध गैर जमानती होगा।
वहीं, कानून का सख्ती से पालन हो सके, इसके लिए बिल में प्रावधान किया गया है कि ऐसे मामलों की जांच सब इंस्पेक्टर रैंक से नीचे के पुलिस अधिकारी नहीं करेंगे। और तो और धर्मातंतरण नहीं हुआ है, इसको साबित करने की जिम्मेदारी भी आरोपी की होगी। जो विवाह धर्म परिवर्तन की नियत से किया गया होगा, वह शून्य घोषित हो जाएगा। इसके लिए फैमिली कोर्ट में आवेदन करना होगा।
बताया गया कि कानून की धारा 03 का उल्लंघन करने पर 1 से 5 साल तक की सजा और 25 हजार के जुर्माने का प्रावधान है। नाबालिग, महिला, एससी-एसटी के मामले में 2 से 10 साल की सजा और 50 हजार जुर्माना प्रस्तावित है। इसी प्रकार धर्म छुपाकर ऐसा प्रयास करने पर 3 से 10 साल की सजा व 50 हजार जुर्माना होगा। सामूहिक धर्म परिवर्तन (02 या अधिक व्यक्ति का) का प्रयास करने पर 5 से 10 साल तक की सजा व 1 लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान है।