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लव जिहाद से जुड़े विधेयक पर मध्य प्रदेश कैबिनेट में नहीं हो पाया फैसला, जोड़े जाएंगे नए सुझाव

Love Jihad मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने जैसे ही विधेयक का प्रस्ताव रखा तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस पर कुछ महत्वपूर्ण सुझाव आए हैं जिन पर विचार किया जाना है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Tue, 22 Dec 2020 08:16 PM (IST)Updated: Tue, 22 Dec 2020 08:16 PM (IST)
लव जिहाद से जुड़े विधेयक पर मध्य प्रदेश कैबिनेट में नहीं हो पाया फैसला, जोड़े जाएंगे नए सुझाव
26 दिसंबर को फिर से कैबिनेट होगी

भोपाल, राज्य ब्यूरो। लव जिहाद के खिलाफ मध्य प्रदेश में लाए जा रहे प्रस्तावित धर्म स्वातंय विधेयक पर मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में निर्णय नहीं हो सका। गृह मंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने जैसे ही विधेयक का प्रस्ताव रखा तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस पर कुछ महत्वपूर्ण सुझाव आए हैं, जिन पर विचार किया जाना है। 26 दिसंबर को फिर से कैबिनेट होगी, उसमें इस पर निर्णय लिया जाएगा।

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प्रस्तावित विधेयक में ये बातें हैं शामिल

- मतांतरण के उद्देश्य से किए गए विवाह से पैदा हुए बच्चों को पिता की संपत्ति में उत्तराधिकारी के रूप में अधिकार बरकरार रहेगा।

- यह अपराध गैर जमानती होगा।

-माता-पिता, भाई-बहन की शिकायत के अलावा न्यायालय की अनुमति से मत परिवर्तन करने वाले व्यक्ति से संबंधित (रक्त, विवाह, दत्तक ग्रहण, अभिरक्षा में हो) व्यक्ति की शिकायत पर जांच होगी।

-किसी भी व्यक्ति के अधिनियम का उल्लंघन करने पर एक से पांच साल का कारावास एवं कम से कम 25 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित करने का प्रविधान रखा गया है।

-नाबालिग, महिला, अनुसूचित जाति-जनजाति के व्यक्ति के साथ अधिनियम का उल्लंघन किए जाने पर दो से दस साल का कारावास एवं 50 हजार रुपये का अर्थदंड होगा।

- अपना मत छुपाकर अधिनियम का उल्लंघन करने पर तीन से दस साल का कारावास एवं 50 हजार का अर्थदंड हो सकता है।

- मतांतरण करवाने वाले धर्म गुरु या जो व्यक्ति मतांतरण करवाएगा, उसके सूचना नहीं देने पर तीन से पांच साल का कारावास एवं पचास हजार रुपये का अर्थदंड लगाया जा सकेगा।

- सामूहिक मतांतरण कराकर अधिनियम का उल्लंघन किए जाने पर पांच से दस साल के कारावास एवं एक लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया जा सकता है।

- विवाह शून्य होने की स्थिति में महिला और उसके बच्चों को भरण पोषण का हक मिलेगा।

मीडिया को क्या बोलेंगे

कैबिनेट में चर्चा के दौरान जब यह विषय आया कि प्रस्तावित कानून को लेकर मीडिया को क्या बताना है तो मुख्यमंत्री ने कहा कि महत्वपूर्ण सुझाव आए हैं, जिन पर और विचार होना है। दरअसल, गृह मंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने कैबिनेट से पहली मीडिया से चर्चा में कहा था कि बैठक में इस पर निर्णय लिया जाएगा।


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