MP Assembly Bypolls 2020: आज थमेगा चुनाव प्रचार का शोर, कई कारणों से लंबे समय तक रखा जाएगा याद
इस बार चुनाव प्रचार की अवधि एक घंटा अधिक यानी शाम छह बजे तक रहेगी। कोरोना संकट के कारण इस बार मतदान अवधि भी एक घंटा अधिक रहेगी इसलिए राजनीतिक दलों को प्रचार के लिए एक घंटा अधिक समय मिला है।
भोपाल, जेएनएन। प्रदेश की 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए रविवार शाम छह बजे प्रचार का शोर थम जाएगा। कांग्रेस विधायकों के पाला बदलने के कारण हो रहे उपचुनाव से यह तय होना है कि प्रदेश की सत्ता में कौन रहेगा, इसी सत्ता संघषर्ष को लेकर भाजपा और कांग्रेस ने इस उपचुनाव में प्रचार आम चुनाव की तरह किया। अपनी तरह के अनूठे उपचुनाव को बदजुबानी, विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप सहित कई मामलों के कारण लंबे समय तक याद रखा जाएगा।
इस बार चुनाव प्रचार की अवधि एक घंटा अधिक यानी शाम छह बजे तक रहेगी। कोरोना संकट के कारण इस बार मतदान अवधि भी एक घंटा अधिक रहेगी इसलिए राजनीतिक दलों को प्रचार के लिए एक घंटा अधिक समय मिला है। इस बार मतदान शाम पांच बजे की जगह शाम छह बजे तक किया जाएगा। उधर, राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अभी तक कुछ ऐसी सीटों पर उपचुनाव होते रहे हैं, जिनसे सरकार के बनने--बिग़़डने का संबंध नहीं होता था। इससे उपचुनाव का स्वरूप इस तरह तीखा नहीं रहता था, जैसा इस बार है।
कल तक जो अपने थे, आज उन्हीं पर निशाना
राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए विधायकों के कारण उपचुनाव की पटकथा लिखी गई। कांग्रेस नेताओं ने ऐसे नेताओं को गद्दार और बिकने वाला बताया। भाजपा ने भी पलटवार में कमी नहीं रखी। उपचुनाव के प्रचार के दौरान कांग्रेस और भाजपा नेताओं ने एक-दूसरे को अपशब्द कहे। शिकवा-शिकायतें चुनाव आयोग तक भी पहुंचीच। कुछ मामलों में कार्रवाई भी की गई। इस बार जहां एक ओर उपचुनाव में प्रत्याशी कई मंत्रियों को चुनाव आयोग ने अपशब्दों का इस्तेमाल न करने के लिए चेतावनी दी तो एक मंत्री गिर्राज डंडौतिया के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज की गई। उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव के खिलाफ अमर्यादित बयान पर एक दिन के लिए प्रचार से रोका भी गया। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ को आयोग ने स्टार प्रचारक की सूची से बाहर कर दिया। बहरहाल, अब चुनावी सभाओं में बिगड़े बोल नहीं बोले जाएंगे, लेकिन घर-घर जनसंपर्क के दौरान शिकायतों का द्वार खुला रहेगा।