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MP में मतदान के बाद दो बूथों की EVM में बढ़े 50-50 वोट, राज्य में मचा हड़कंप, जानें पूरा मामला

श्योपुर में 649 पोलिंग बूथ में से दो बूथों की ईवीएम में 50-50 वोट बढ़ गए है। अब चुनाव आयोग को चिंता है कि अखिर किस तरह इन ईवीएम की मतगणना कराई जाए?

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Wed, 15 May 2019 11:44 AM (IST)Updated: Wed, 15 May 2019 11:44 AM (IST)
MP में मतदान के बाद दो बूथों की EVM में बढ़े 50-50 वोट, राज्य में मचा हड़कंप, जानें पूरा मामला
MP में मतदान के बाद दो बूथों की EVM में बढ़े 50-50 वोट, राज्य में मचा हड़कंप, जानें पूरा मामला

भोपाल,जेएनएन। मध्य प्रदेश के जिले श्योपुर में विधानसभा में भारी संख्या में मतदान हुआ।  निर्वाचन विभाग इसे लेकर काफी खुश है। लेकिन, अफसरों की ये खुशी ज्यादा समय के लिए नहीं रहीं। इसे लेकर श्योपुर से लेकर भोपाल तक हड़कंप मच गया है। 

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मामला ये है कि श्योपुर में 649 पोलिंग बूथ में से दो बूथों की ईवीएम में 50-50 वोट बढ़ गए है। चुनाव आयोग को चिंता है कि अखिर किस तरह इन ईवीएम की मतगणना कराई जाए? फिलहाल आयोग के पास इस समस्या को लेकर कोई हल नजर नहीं आ रहा है। इन दोनों ही पोलिंग बूथों पर श्योपुर की है। बूथ संख्या नंबर 169 पर कुल 438 मतदाता जिनमें से 248 पुरुष और 190 महिलाओं ने मतदान किया। लेकिन, ईवीएम 438 की बजाय 488 वोट बता रही है। इसका मतलब साफ है कि 50 वोट ज्यादा डाले गए हैं। 

पांडोला में बूथ  संख्या 263 पर 430 मतदाताओं ने वोट डाले। जिसमें से 225 पुरुषों और 205 महिलाओं यानी 430 मतदाताओं ने वोट डाला। जब मतदान खत्म हुआ तो ईवीएम में टोटल वोटिंग चेक की गई तो उसमें बूथ की ईवीएम ने 480 वोट बताए। यानी की यहां भी  50 वोट बढ़ गए। इस मामले में अब कलेक्टर बसंत कुर्रे ने सामान्य प्रेक्षक विवेक वाष्णेय से लेकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखा है और उनसे इस मामले पर सुझाव देने के लिए कहा है। 

अखिर कैसे हुई ये गलतफहमी 

पीठासीन अधिकारी और निर्वाचन ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से ये गड़बड़ी हुई है। दरअसल, सुबह 7 बजे से मतदान शुरू होने से पहले मॉकपोल हुआ था। मॉकपोल में 50-50 वोट डाले गए थे। इसके बाद जब मतदान होना था तो मॉकपोल में हर ईवीएम में डाले गए इन 50-50 वोटों को डिलीट करना था। लेकिन, श्योपुर व पंडोला के बूथ पर इन्हें डीलीट नहीं करन से ये 50 वोट ईवीएम में ही रह गए।    

अब अफसरों के पास बस एक ही रास्ता 
वीवीपैट पर्चियों की मदद से ही अब अफसरों की मुश्किलें कम हो सकती है। इन पर्चियों की मदद से ही अब ईवीएम के वोटों की गिनती हो सकती है। पीठासीन अधिकारी ने मॉकपोल के बाद वीवीपैट में आईं 50 पर्चियां सुरक्षित रख लीं थी। इन्हीं पर्चियों से अब पता चल पाएगा की किस पार्टी को कितने वोट मिले थे। जब मतगणना की जाएगी इस वक्त उन वोटों को हटा दिया जाएगा और इससे वोटों की गिनती हो जाएगी। हालांकि, इसके लिए पहले निर्वाचन आयोग और प्रत्याशियों की सहमति जरूरी है।  

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