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जल्‍द शुरू होगा संसद का बजट सत्र, जानें-कैसा होगा संचालन, क्‍या होंगे नियम, क्‍या सभी सांसदों को लगेगी कोविड वैक्‍सीन?

बजट सत्र को लेकर तैयारियां की जा रही हैं। बजट सत्र कैसा होगा और इस बार क्‍या नियम होंगे। क्‍या सत्र के आयोजन से पहले सभी सांसदों को कोविड वैक्‍सीन लगाई जाएगी। लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिड़ला ने इन तमाम सवालों के बेबाकी से जवाब दिए...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 07:15 PM (IST)Updated: Sat, 09 Jan 2021 01:05 AM (IST)
जल्‍द शुरू होगा संसद का बजट सत्र, जानें-कैसा होगा संचालन, क्‍या होंगे नियम, क्‍या सभी सांसदों को लगेगी कोविड वैक्‍सीन?
लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिड़ला ने शुक्रवार को कहा कि संसद का बजट सत्र जल्द शुरू होगा।

नई दिल्‍ली, एजेंसियां। बजट सत्र को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिड़ला ने शुक्रवार को कहा कि संसद का बजट सत्र जल्द शुरू होगा। बजट सत्र सामान्य होगा और इसका विधिवत संचालन किया जाएगा। यह पूरी अवधि तक चलेगा और इस दौरान सभी मसलों पर चर्चा की जाएगी। कोरोना महामारी को ध्‍यान में रखते हुए बजट सत्र की व्‍यापक तैयारियां की जा रही हैं। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि चूंकि सत्र महामारी के बीच होगा, इसलिए कोविड-19 संबंधी चुनौती है, लेकिन सत्र के दौरान सरकार की ओर से जारी किए गए कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा।

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क्‍या सत्र से पहले सांसदों को लगेगी वैक्‍सीन

यह पूछे जाने पर कि क्‍या संसद के सत्र से पहले सांसदों को कोविड वैक्‍सीन लगाई जाएगी... बिड़ला ने कहा कि हमारे डॉक्‍टरों और वैज्ञानिकों ने टीकाकरण को लेकर व्‍यापक और कड़ी मेहनत की है। जहां तक सांसदों को टीका लगाए जाने का सवाल है तो सरकार इस बारे में फैसला लेगी। सरकार सत्र शुरू होने से पहले सांसदों के टीकाकरण के बारे में दिशा-निर्देश जारी करेगी।

दो हिस्‍सों में आयोजित होगा सत्र

मालूम हो कि संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने संसद का बजट सत्र 29 जनवरी से आठ अप्रैल तक दो हिस्सों में बुलाने की सिफारिश की है। बजट सत्र का पहला चरण 29 जनवरी से 15 फरवरी तक जबकि दूसरा चरण आठ मार्च से आठ अप्रैल तक बुलाए जाने की बात कही गई है। समिति की सिफारिश के मुताबिक, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 29 जनवरी को संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे जबकि एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश किया जाएगा।

मानसून सत्र की तरह दो पालियों में बैठक

मानसून सत्र की तरह बजट सत्र भी दो पालियों में हो सकता है। एक पाली में दोनों सभागारों में एक ही सदन के सदस्य मौजूद होंगे। समाचार एजेंसी पीटीआइ की हाल ही में आई रिपोर्ट के मुताबिक, बजट सत्र के दौरान प्रत्येक सदन यानी लोकसभा और राज्यसभा की बैठकें पांच-पांच घंटे होने की संभावना है। लोकसभा की बैठक शाम की पाली में तीन से आठ बजे तक जबकि राज्यसभा की बैठक सुबह की पाली में नौ बजे से दोपहर दो बजे तक हो सकती है।

प्रश्न और शून्यकाल भी होगा

हालांकि राष्ट्रपति के संबोधन और बजट के दिन लोकसभा की बैठक सुबह होने की संभावना है। समाचार एजेंसी एएनआइ ने संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी के हवाले से बताया है कि यदि कोई आपातकालीन बिल या अध्यादेश लाना है तो हम इसे पहली पाली में लाना पसंद करेंगे। संसदीय कार्य मंत्री (Pralhad Joshi) का कहना है कि प्रश्न और शून्यकाल भी होगा और बाकी अध्यक्ष के विवेक पर निर्भर करेगा।

अनुदान और वित्त विधेयक पर होगी चर्चा

संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी (Pralhad Joshi) बजट सत्र के दौरान अनुदान और वित्त विधेयक पर चर्चा होगी। उम्‍मीद है कि यह लंबा नहीं होगा। पिछली बार हमने सत्र को थोड़ा लंबा करने की योजना बनाई थी लेकिन महामारी और विपक्षी सदस्यों के अनुरोध को ध्‍यान में रखते हुए हम इसे पूरी तरह से नहीं चला सके। इस बार भी ऐसा ही होगा जैसा पहले हुआ करता था। यानी जाहिर है बजट सत्र कोरोना से पहले के समय जैसा नहीं होगा...

कोविड-19 प्रोटोकॉल का होगा पालन

हाल ही में आई समाचार एजेंसी पीटीआइ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बजट सत्र के दौरान कोविड प्रोटोकॉल जैसे... मास्क लगाना, दो गज की दूरी बनाए रखना आदि का पूरे सत्र के दौरान पालन कराया जाएगा। इस दौरान सांसदों, लोकसभा और राज्यसभा सचिवालयों के कर्मचारियों की आरटी-पीसीआर जांच भी कराई जाएगी। यही नहीं संसद भवन परिसर में दाखिल होने वाले वाहनों, फाइलों और अन्य सामानों को सेनेटाइज किया जाएगा। हालांकि इस सत्र पर अंतिम फैसला मंत्रिमंडल को ही करना है। 

अर्थव्यवस्था को उबारने की होगी कोशिश 

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहले ही संकेत दे चुकी हैं कि 2021-22 का बजट आर्थिक पुनरुत्थान की गति को बनाए रखने पर केंद्रित होगा। सरकार का जोर बुनियादी ढांचे पर ध्‍यान देने के साथ साथ आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार बनाए रखने पर होगा। बीते दिनों उन्‍होंने कहा था कि कोरोना महामारी के कारण विनिवेश पर असर पड़ा है। विनिवेश प्रक्रिया में तेजी लाने के प्रयास होंगे। बजट में एक जीवंतता होगी जो अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार, भरोसेमंद उत्थान के लिए बेहद जरूरी है। 


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