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लोकसभा अध्यक्ष ने राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात कर संसद को सुचारू रूप से चलाने के लिए मांगा समर्थन

संसद के शीतकालीन सत्र में आज लोकसभा में कृषि कानून विधेक की वापसी का बिल पास हो गया है। अब लोकसभा अध्यक्ष ने राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात कर संसद को सुचारू रूप से संचालन के लिए समर्थन मांगा है।

By Pooja SinghEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 02:12 PM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 02:12 PM (IST)
लोकसभा अध्यक्ष ने राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात कर संसद को सुचारू रूप से चलाने के लिए मांगा समर्थन
अध्यक्ष ने राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात कर संसद को सुचारू रूप से चलाने के लिए मांगा समर्थन

नई दिल्ली, एएनआइ। संसद के शीतकालीन सत्र में आज लोकसभा में कृषि कानून विधेक की वापसी का बिल पास हो गया है। विपक्ष के भारी हंगामे के कारण लोकसभा की कार्रवाई दो बजे तक के लिए स्थागित हो गई है। अब लोकसभा अध्यक्ष ने राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात कर संसद को सुचारू रूप से संचालन के लिए समर्थन मांगा है।

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सूत्रों के अनुसार लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने सदन में होने वाले महत्वपूर्ण कार्यों पर सदन के नेताओं से चर्चा की।सूत्रों ने कहा, "विपक्षी नेता सदन के सुचारू कामकाज का समर्थन करने के लिए सहमत हुए, लेकिन कृषि कानूनों और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों को रद्द करने पर चर्चा की भी मांग की है'।

बिरला ने बैठक में उपस्थित सभी नेताओं को आश्वासन दिया कि सरकार सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन संसदीय लोकतंत्र में व्यवधान अच्छी बात नहीं है और लोगों के कल्याण के लिए सदन को सुचारू रूप से चलाने की जरूरत है।'

बिरला ने कहा कि देश के सामने कई मुद्दे हैं जिन पर सदन में गंभीर चर्चा किए जाने की जरूरत है। देश के लोग भी इन मुद्दों को उठाए जाने की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह हरसंभव कोशिश करेंगे कि सांसदों को विभिन्न मुद्दे उठाने देने के लिए वह पर्याप्त समय एवं अवसर दें।

अध्यक्ष ने आशा व्यक्त की कि सभी दल सदन के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए अपना सहयोग देंगी और कार्यवाही व्यवस्थित तरीके से संचालित की जाएगी। उन्होंने कहा, "अपने सामूहिक प्रयासों से हम सदन की गरिमा को बढ़ाएंगे।

बता दें कि लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पास कृषि कानून वापसी बिल पास हो गया है। अब यह बिल पास होने के लिए राष्ट्रपति के पास जाएगा। हालांकि इस बिल के वापसी के बाद भी आंदोलनकारी रास्तों से हटने को तैयार नहीं है। 

संसद का यह सत्र 29 नवंबर से 23 दिसंबर तक चलेगा। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले की घोषणा थी और इसके बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इन तीनों कानूनों को निरस्त करने संबंधी विधेयक को मंजूरी दे दी थी। इसके अलावा सरकार इस पूरे सत्र में करीब 30 विधेयक पेश करने जा रही है जिनमें क्रिप्टोकरंसी, बिजली, पेंशन, वित्तीय सुधार और बैंकिंग कानून से संबंधित विधेयक शामिल हैं।


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