किसी पर हत्या तो किसी पर अपहरण का मुकदमा है दर्ज, इस चरण में 340 हैं दागी उम्मीदवार, आप भी जानें
Lok Sabha Election 2019- मंगलवार को तीसरे चरण के तहत 117 सीटों पर मतदान होना है। चलिए जानें इन सीटों पर कितने आपराधिक छवि के नेता आपका प्रतिनिधित्व करने को खड़े हैं...
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। Lok Sabha Election 2019 का सफर तीसरे चरण तक आ पहुंचा है। सात चरणों में हो रहे चुनाव में मंगलवार 23 अप्रैल को तीसरे चरण का मतदान होगा। यह चरण सबसे बड़ा है और इस चरण में 15 राज्यों की 117 सीटों पर मतदान हो रहा है। त्रिपुरा की एक सीट पर मतदान दूसरे चरण में टाल दिया गया था। इस सीट पर भी तीसरे चरण में ही मतदान हो रहा है। चलिए जानें इन सीटों पर कितने आपराधिक छवि के नेता आपका प्रतिनिधित्व करने को खड़े हैं...
115 सीटों पर 1612 उम्मीदवार
जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि मूल रूप से तीसरे चरण में 115 सीटों पर ही चुनाव होना था। इन 115 सीटों पर 1612 उम्मीदवार खड़े हैं। चुनाव सुधार के क्षेत्र में काम करने वाले गैर सरकारी संगठन एडीआर ने इनमें से 1594 उम्मीदवारों के शपथपत्रों का विश्लेषण किया है। राष्ट्रीय पार्टियों के 316 में से 314, राज्य स्तरीय पार्टियों के सभी 76 उम्मीदवारों पंजीकृत गैर-मान्यताप्राप्त पार्टियों के 496 में से 492 और 724 निर्दलियों में से 712 उम्मीदवारों के शपथपत्रों का विश्लेषण हुआ है।
21 फीसद उम्मीदवार आपराधिक छवि के
जिन 1594 उम्मीदवारों के शपथपत्रों का विश्लेषण हुआ है उनमें से 340 यानि 21 फीसद पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसको अगर और गौर से देखें तो कुल 90 उम्मीदवारों में 40 यानि 44 फीसद और भाजपा के 97 उम्मीदवारों में से 38 यानि 39 फीसद पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसी तरह बसपा के 92 में से 16 यानि 17 फीसद, सीपीआई(एम) के 19 में से 11 यानि 58 फीसद, शिवसेना के 22 में से 7 यानि 32 फीसद, सपा के 10 में से 5 यानि 50 फीसद, एनसीपी के 10 में से 6 यानि 60 फीसद और तृणमूल के 9 में से 4 यानि 44 फीसद उम्मीदवार आपराधिक छवि के हैं।
14 फीसद पर गंभीर आपराधिक मामले
जिन 1594 उम्मीदवारों के शपथपत्रों का विश्लेषण हुआ है उनमें से 230 यानि 14 फीसद पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसमें गहराई से जाएं तो भाजपा के 97 में से 26 और कांग्रेस के 90 में से 24 यानि दोनों के 27-27 फीसद उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। बसपा के 92 में से 9 यानि 10 फीसद, शिवसेना के 22 में से 6 यानि 27 फीसद, सीपीआई(एम) के 19 में से 6 यानि 32 फीसद, एनसीपी के 10 में से 5 यानि 50 फीसद, सपा के 10 में से 4 यानि 40 फीसद और तृणमूल के 9 में से 4 यानि 44 फीसद उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
गंभीर आपराधिक मामले क्या होते हैं?
जब किसी व्यक्ति या नेता पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होते हैं तो उसका मतलब ऐसे अपराधों से है जिनमें पांच साल या उससे अधिक समय की सजा हो सकती है। किसी पर हमला करना, हत्या, अपहरण बलात्कार जैसे अपराध इस श्रेणी में आते हैं। ये वैसे अपराध होते हैं, जिनमें जमानत नहीं होती है। इसमें चुनाव से संबंधित अपराध यानि धारा 171 (रिश्वतखोरी) के मामले भी आते हैं। सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने से संबंधित अपराध भी इसी श्रेणी में आते हैं। लोग प्रतिनिधित्व अधिनियम में उल्लेखित अपराध, भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम कानून के तहत आने वाले अपराध भी इसी श्रेणी में आते हैं।
14 उम्मीदवार दोषी, 13 पर हत्या के मामले
तीसरे चरण में चुनावी मैदान में उतरने वाले 14 उम्मीदवारों ने अपने शपथपत्र में घोषित किया है कि उनके ऊपर दोष साबित हो चुके हैं। 13 उम्मीदवार ऐसे हैं जिन पर आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या का मामला चल रहा है। यही नहीं 30 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर हत्या की कोशिश (आईपीसी-307) का मामला दर्ज होने की बात बतायी है। इनमें से 14 उम्मीदवार ऐसे हैं जिन पर अपहरण से संबंधित मामले चल रहे हैं।
महिलाओं के खिलाफ आपराध के मामले भी दर्ज
तीसरे चरण में अपना भाग्य आजमा रहे उम्मीदवारों में से 29 ऐसे हैं जिन पर आईपीसी की धारा 376 यानि महिला से बलात्कार, आईपीसी की धारा 354 यानि स्त्री की लज्जा भंग करने के संबंध में उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग के मामले दर्ज हैं। यही नहीं इनमें वे भी शामिल हैं जिन पर आईपीसी की धारा 498ए यानि किसी स्त्री के पति या पति के नातेद्वार द्वारा उसके प्रति क्रूरता करने से संबंधित मामले आते हैं। इसके अलावा 26 उम्मीदवारों के ऊपर भड़काऊ भाषण देने से संबंधित मामले दर्ज हैं।