छत्तीसगढ़ कांग्रेस में दावेदारों का नाम सामने आने से पहले ही सूची पहुंची दिल्ली
पुनिया ने प्रदेश चुनाव समिति की गुरुवार को दिल्ली में बैठक रखी है। बुधवार शाम को प्रदेश चुनाव समिति के अध्यक्ष व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिल्ली पहुंच गए।
रायपुर, राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने जिस फॉर्मूले से न केवल अपना 15 साल का वनवास खत्म किया बल्कि विधानसभा चुनाव में बंपर जीत भी हासिल की, अब लोकसभा चुनाव में पार्टी उस फॉर्मूले पर नहीं चल पा रही है। आलम तो यह है कि दावेदारों के सामने आने से पहले ही सूची दिल्ली पहुंच गई है। इसी सूची पर गुरुवार को पार्टी के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया और प्रदेश चुनाव समिति की बैठक होगी। 90 में से 75 विधानसभा क्षेत्रों के नेताओं को दावेदारी का मौका ही नहीं मिला। ऐसे में दावेदारों और उनके समर्थकों में असंतोष का माहौल बन गया है।
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने पहले तय किया था कि विधानसभा चुनाव की तरह 16, 17, 23 व 24 फरवरी को सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में संकल्प शिविर लगाकर दावेदारों को मंच पर आने का मौका दिया जाएगा। लेकिन, विधानसभा के बजट सत्र के कारण मंत्री और विधायक उसी में व्यस्त रह गए। चार तय तारीखों में केवल 25 विधानसभा क्षेत्रों में संकल्प शिविर लग पाए।
पार्टी ने विधानसभा चुनाव में दावेदारों से ब्लॉक प्रभारियों के माध्यम से भी आवेदन मांगे थे, लेकिन अभी कई ब्लॉक प्रभारियों के पद खाली होने के कारण इस प्रक्रिया को पूरी तरह से भूला दिया गया। अब पुनिया ने पांच से आठ मार्च तक शेष 75 विधानसभा क्षेत्रों में संकल्प शिविर लगाने का निर्देश दिया है, ताकि नेता अपनी दावेदारी पेश कर पाएं और कार्यकर्ताओं में उत्साह भरा जा सके।
दूसरी तरफ, संकल्प शिविरों का दौर शुरू होने से पहले ही पुनिया ने बंद कमरे में विधायकों, जिलाध्यक्षों और जिला प्रभारियों से पसंद के दावेदारों का नाम भी ले लिया। ऐसे में दावेदार और उनके समर्थक प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया पर सवाल उठाने लगे हैं। उनका कहना है कि पार्टी को जिस फॉर्मूले से अप्रत्याशित सफलता मिली, उसे छोड़कर फिर से पुरानी राह पर चल पड़ी है।
पुनिया के साथ दिल्ली में होगा दावेदारों पर मंथन
पुनिया ने प्रदेश चुनाव समिति की गुरुवार को दिल्ली में बैठक रखी है। बुधवार शाम को प्रदेश चुनाव समिति के अध्यक्ष व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिल्ली पहुंच गए। समिति के सदस्य मोतीलाल वोरा तो दिल्ली में ही हैं। बाकी सदस्य भी बुधवार को ही दिल्ली पहुंच गए। गुरुवार को बैठक में पुनिया और प्रदेश चुनाव समिति स्क्रूटनी कर प्रत्याशियों की सूची को छोटी करेंगे।
चुनाव समिति के अध्यक्ष भूपेश बघेल के लिए सूची को छोटी कराने की चुनौती रहेगी, क्योंकि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को सभी 11 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करने की जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर है। ऐसी स्थिति में उन्हें एक तरफ तो जिताऊ प्रत्याशी बताने होंगे और दूसरी तरफ बाकी दावेदारों, उनके समर्थक विधायकों, जिलाध्यक्षों व जिला प्रभारियों को संतुष्ट भी करना होगा।