JNU हिंसा पर Left और ABVP ने एक-दूसरे पर लगाया आरोप, जानिए येचुरी, पवार और स्टालिन ने क्या कहा
वामदलों के नियंत्रण वाले जेएनयू छात्र संघ और भाजपा की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने हिंसा के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में रविवार रात भड़की हिंसा की सभी दलों ने कड़े शब्दों में निंदा की है। साथ ही पक्ष-विपक्ष के नेताओं ने एक-दूसरे पर आरोप भी लगाए हैं।
भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह भी नहीं भूलना चाहिए कि जेएनयू में देश को टुकड़े टुकड़े करने वाले विचारधारा के लोग रहते हैं, जो आतंकवादी को सुप्रीम कोर्ट से फांसी की सजा को हत्या बताते हैं।
वहीं, भाजपा की तरफ से देर रात किए गए ट्वीट में इस घटना के लिए अराजकतावादी ताकतों को जिम्मेदार ठहराया गया, जो अपनी सिमटती राजनीति को धार देने के लिए छात्रों को बलि का बकरा बना रहे हैं।
एबीवीपी और लेफ्ट एक दूसरे को ठहरा रहे जिम्मेदार
वामदलों के नियंत्रण वाले जेएनयू छात्र संघ और भाजपा की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने हिंसा के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है।
यह एक नियोजित हमला: शरद पवार
राकांपा (NCP) प्रमुख शरद पवार ने इसे गैर लोकतांत्रिक और नियोजित हमला बताया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि उनकी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल छात्रों के प्रति समर्थन जताने जेएनयू जाएगा।
हिंसा के लिए एबीवीपी है जिम्मेदार: सीताराम येचुरी
माकपा नेता सीताराम येचुरी ने हिंसा के लिए जेएनयू प्रशासन और एबीवीपी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने इसे हिंदुत्व के एजेंडे का विरोध करने वाले छात्रों पर नियोजित हमला करार दिया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पुत्र और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे, पुणे फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान और द्रमुक अध्यक्ष स्टालिन ने भी जेएनयू में हुई हिंसा की निंदा की है।
जेएनयू हिंसा पर बयानबाजी के बाद अब सियासी घमासान भी शुरू हो गया है पुलिस मुख्यालय पर छात्रों के समर्थन के लिए कम्युनिस्ट नेता वृंदा करात, कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ अहमद खान और अलका लांबा पहुंचे हैं। इसके साथ ही हिंसा के विरोध में कोलकाता, मुंबई और एएमयू के छात्रों ने भी प्रदर्शन किया।