मध्य प्रदेश में आज से लागू हो सकता है लव जिहाद को रोकने का कानून !
लव जिहाद रोकने के लिए द्वारा लाया जा रहा धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश आज से मध्य प्रदेश में लागू किया जा सकता है।गृह विभाग ने राज्यपाल की स्वीकृति से मिला अध्यादेश विधि विभाग को भेजा। राजपत्र में अधिसूचना के प्रकाशन के साथ प्रभावी हो जाएंगे प्रविधान।
भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश में आज से लव जिहाद को रोकने के लिए कानून को लागू किया जा सकता है। लव जिहाद रोकने के लिए शिवराज सरकार द्वारा लाया जा रहा धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश शनिवार से लागू हो सकता है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की स्वीकृति के बाद गृह विभाग ने शुक्रवार को अध्यादेश विधि एवं विधायी विभाग को भेज दिया। विभाग इसे परिमार्जित कर अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशन के लिए शासकीय प्रेस भेजेगा। अधिसूचना के साथ ही अध्यादेश के प्रविधान लागू हो जाएंगे। सरकार फरवरी--मार्च में प्रस्तावित विधानसभा के बजट सत्र में इस अध्यादेश की जगह विधेयक प्रस्तुत करेगी।
गृह विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राजभवन से स्वीकृत अध्यादेश प्राप्त होने के बाद इसे लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। राजपत्र में अधिसूचना जारी करने के लिए विधि एवं विधायी विभाग को भेज दिया गया है। शनिवार को असाधारण राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित करने के साथ अध्यादेश के प्रविधान लागू हो जाएंगे। सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सभी विभागों को स्वीकृत अध्यादेश प्राप्त हो गए हैं और इन्हें अधिसूचित करके इनके प्रविधानों को प्रभावी किया जाएगा।
ये होंगे प्रविधान-
- प्रलोभन, बहलाकर, बलपूवर्क या मतांतरण करवाकर विवाह करने या करवाने वाले को एक से लेकर दस साल की सजा और अधिकतम एक लाख रपये के दंड का प्रविधान है।
- महिला, नाबालिग, अनुसूचित जाति, जनजाति के व्यक्ति का मतांतरण करवाने पर कम से कम दो तथा अधिकतम दस साल के कारावास के साथ कम से कम पचास हजार रपये का अर्थदंड लगाया जाएगा।
- सामूहिक मतांतरण, दो या दो से अधिक व्यक्तियों का एक ही समय पर मतांतरण अध्यादेश के प्रविधान के विरद्ध रहेगा। मतांतरण की शिकायत माता, पिता, भाई, बहन को पुलिस थाने में करनी होगी। अभिभावक भी प्रकरण दर्ज करा सकते हैं।
- अपराध संज्ञेय और गैर जमानती होगा। मूल मत में वापसी को मतांतरण नहीं माना जाएगा।
- मूल मत वही माना जाएगा, जो जन्म के समय पिता का मत होगा। पीड़ित महिला एवं उससे जन्मे बच्चों को भरण--पोषषण प्राप्त करने का अधिकार होगा।
- पिता की संपत्ति में उत्तराधिकारी भी माना जाएगा। स्वेच्छा से मतांतरण करने और करवाने वाले को 60 दिन पहले कलेक्टर को सूचना देनी होगी।