'पीएम-किसान' सम्मान निधि योजना के दायरे में नहीं आते भूमिहीन खेतिहर मजदूर
इस योजना के दायरे में उन किसानों को भी नहीं लिया गया है जो दूसरे की जमीन को किराये पर लेकर खेती करते हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के दायरे में भूमिहीन खेतिहर मजदूरों को नहीं रखा गया है। किसानों की आय समर्थन वाली यह योजना सिर्फ उनके लिए हैं, जिनके नाम पर जमीन है और वे खेती अथवा उससे संबंद्ध उपक्रम में संलग्न हैं, लेकिन इसका लाभ भूमिहीन मजदूरों को नहीं मिल सकता है। राज्यसभा में यह जानकारी केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण राज्यमंत्री परसोत्तम रुपाला ने पूछे एक सवाल के जवाब में दी।
'पीएम-किसान' योजना का लाभ राज्यों के चयनित किसानों को ही मिलता है
सदन में पूछे एक अन्य सवाल के जवाब में रूपाला ने कहा कि केंद्र की इस योजना के तहत किसानों को सालाना दी जाने वाली छह हजार रुपये की धनराशि का भुगतान संबंधित राज्यों के तय किये किसानों को ही जाएगी। यह धनराशि किसानों को तीन किश्तों में हर फसल सीजन के पहले दी जाती है।
तोमर ने कहा- केंद्र सरकार राज्यों की योजनाओं में मदद करती है
एक लिखित सवाल के जवाब में केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा 'कृषि राज्य का विषय है, जो कृषि विकास और कल्याण की योजनाओं को लागू करती है। केंद्र सरकार राज्यों की योजनाओं में पूरक तौर पर मदद करती है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में शामिल होने के लिए भूमि का मालिक होना जरूरी
तोमर ने अपने जवाब में कहा कि केंद्र सरकार सभी राज्यों के भूमि दस्तावेजों के आधार पर जिन किसानों के नाम जमीन दर्ज होती है, उसके परिवार को आर्थिक मदद मुहैया करा रही है। इसकी तस्दीक राज्य सरकार अथवा केंद्र शासित प्रदेश को करना होता है।
दूसरे की जमीन को किराये पर लेकर खेती करने वाले किसानों को नहीं मिलता लाभ
इस योजना के दायरे में उन किसानों को भी नहीं लिया गया है जो दूसरे की जमीन को किराये पर लेकर खेती करते हैं।