लालू यादव कभी भी भेजे जा सकते हैं जेल, RIMS डॉक्टरों के सारे टेस्ट रिपोर्ट नॉर्मल
जेल से आठ गुना ज्यादा समय अस्पताल में गुजार चुके लालू की सेहत पर नजदीकी नजर रख रहे बिरसा मुंडा जेल के अधीक्षक ने कहा कि डॉक्टर की रिपोर्ट सामान्य मिली तो वे जेल लाए जाएंगे।
रांची, राज्य ब्यूरो। चारा घोटाले (Chara Ghotala) में सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की तबीयत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। अब वे कभी भी बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार (Birsa Munda central jail) भेजे जा सकते हैं। जेल अधीक्षक अशोक कुमार चौधरी ने बताया कि रिम्स (RIMS) के डॉक्टर की रिपोर्ट में सबकुछ सामान्य मिला तो लालू प्रसाद (Lalu Prasad Yadav) जेल लाए जाएंगे। हम उन्हें जेल (Birsa Munda central jail) में शिफ्ट करने के लिए सकारात्मक रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। उन्हें अब तक रिम्स (RIMS) से डॉक्टर की रिपोर्ट नहीं मिली है।
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) करीब डेढ़ साल से रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (RIMS) के पेइंग वार्ड में भर्ती हैं। यहां उनके शुगर, किडनी, हाई ब्लड प्रेशर, फिस्चुला, लीवर व किडनी से संबंधित 11 बीमारियों का इलाज डॉ उमेश प्रसाद और डॉ डीके झा (Dr DK Jha, RIMS) की देखरेख में चल रहा है। रिम्स में इलाज के दौरान लालू प्रसाद (Lalu Prasad Yadav) की तबीयत में अब पूरी तरह सुधार बताया जा रहा है।
जेल के 19 महीनों में से 17 महीने अस्पताल में काटे
चारा घोटाले के अलग-अलग मामलों में सजा पाने के बाद लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने जेल के 19 महीनों में से 17 महीने अस्पताल में काटे हैं और अब भी उनकी तबीयत पूरी तरह से ठीक नहीं हुई है। वे 23 दिसंबर, 2017 से जेल में हैं। तब जेल जाने के महज दो महीने बाद ही उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। लालू (Lalu Prasad Yadav) को पहले रिम्स में भर्ती कराया गया, फिर बेहतर इलाज के लिए उन्हें दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) भेजा गया।
मई, 2018 में एम्स में फिट घोषित होने के बाद वह दोबारा रिम्स में भर्ती हुए। जहां से अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की शादी के लिए उन्हें पैरोल मिल गई। बेटे की शादी से वापस आने के क्रम में झारखंड उच्च न्यायालय (Jharkhand High Court) ने लालू प्रसाद (Lalu Prasad Yadav) पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि वे सजायाफ्ता हैं, बीमार हैं। ऐसे में वे अस्पताल में रहें या जेल में। वे आखिर पटना में घर पर क्या कर रहे हैं।
इसके बाद उन्हें मुंबई स्थित हार्ट हॉस्पिटल में इलाज के लिए झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने अंतरिम जमानत दी। मई 2018 में रिम्स लौटने के बाद से ही उनका इलाज चल रहा है। यहां उन्हाेंने अपने खर्चे पर पेइंग वार्ड ले रखा है। जिसमें एयर कंडीशनर सहित तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्हें जेल प्रशासन के आदेश पर दो सेवादार भी उपलब्ध कराए गए हैं। यहां लालू की सुरक्षा के लिए 42 पुलिसकर्मी भी तैनात हैं। हाल में ही देवघर कोषागार मामले में झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को जमानत भी प्रदान किया है।
डॉक्टर ने कहा, जांच में सबकुछ सामान्य मिला
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद (Lalu Prasad Yadav) का इलाज कर रहे डॉक्टर डीके झा (Dr DK Jha, RIMS) ने बताया कि लालू की हर महीने जांच की जाती है। इस बार किडनी, लीवर व यूरिक एसिड की जांच हुई है। इसमें सबकुछ सामान्य मिला है। पहले लालू (Lalu Prasad Yadav) का हीमोग्लोबिन कम था, जो जांच के बाद सात तक पहुंचा है। शुगर भी नियंत्रित है। किडनी 50 फीसद से अधिक काम कर रहा है। कुल मिलाकर उनकी तबीयत में बहुत सुधार है।
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