'केरल में कुश्ती, दिल्ली में दोस्ती’; वाम और कांग्रेस पर विधानसभा चुनावों से पहले लगा पाखंड का आरोप
केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रल्हाद जोशी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और वाम दलों पर पाखंड का आरोप लगाते हुए कहा है कि दोनों पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में दोस्त हैं लेकिन केरल में एक दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं।
तिरुवनंतपुरम, एएनआइ। कई राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले, केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रल्हाद जोशी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और वाम दलों पर पाखंड का आरोप लगाते हुए कहा है कि दोनों पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में दोस्त हैं, लेकिन केरल में एक दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं। प्रल्हाद जोशी ने तिरुवनंतपुरम में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट और यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट केरल में लड़ रहे हैं। केरल में 'कुश्ती', दिल्ली और अन्य स्थानों में 'दोस्ती'। इन पार्टियों का पाखंड देखें। टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी दिल्ली में कांग्रेस का समर्थन कर रही हैं लेकिन पश्चिम बंगाल में ऐसा नहीं कर रही हैं क्योंकि कांग्रेस विभिन्न क्षेत्रीय दलों पर एक दायित्व बन गई है।'
वामपंथी दलों और कांग्रेस को घेरते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'वामपंथियों का पाखंड यह है कि वे दिल्ली, पश्चिम बंगाल में कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं। वे (कांग्रेस और वामपंथी) पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु में भी मित्र हैं। आप केरल में पोलितब्यूरो पर विश्वास नहीं करना चाहते, लेकिन आप पश्चिम बंगाल में करना चाहते हैं। मैं राहुल गांधी से पूछता हूं कि आप लोकतंत्र में विश्वास करते हैं या पाखंड में।'
राजनीति केवल सत्ता हथियाने और गठबंधन करने के लिए नहीं है, जोशी ने राहुल गांधी से सवाल किया कि पार्टी विभिन्न राज्यों में अलग-अलग गठबंधन में क्यों है।
कई राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले, जोशी ने जोर दिया कि भाजपा बंगाल में सरकार बनाएगी। तमिलनाडु में, एनडीए वापस आएगा। पुडुचेरी में, मैं आज आपको आश्वासन दे रहा हूं कि दक्षिण भारत में, यह भाजपा की दूसरी सरकार होगी। केरल में, लहर शुरू हो गई है। बहुत ही आसानी से हम हासिल करने जा रहे हैं और कई आश्चर्य होंगे।
सबरीमाला मंदिर के मुद्दे पर, भाजपा नेता ने कहा, 'केवल वोटों की खातिर, वे आज सबरीमाला मुद्दे को उठाने की कोशिश कर रहे हैं।' बता दें कि यह प्रेस कॉन्फ्रेंस केरल, पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु और पुडुचेरी के लिए हुए विधानसभा चुनावों से पहले हुई है।