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Koo Studio चुनावी तर्क वितर्क- छठे चरण के मतदान के बाद उत्तर प्रदेश के राजनीति पर क्या हैं एक्सपर्ट्स के विचार

उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के छठे चरण के लिए मतदान हो गया है। ये चरण कई मायनों में महत्‍वपूर्ण है इसलिए सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। छठे चरण में 50 प्रतिशत से ज्‍यादा मतदान हुआ। जानिए- विशेषज्ञों का इसको लेकर क्‍या कहना है।

By TilakrajEdited By: Published: Sat, 05 Mar 2022 11:01 AM (IST)Updated: Sat, 05 Mar 2022 11:01 AM (IST)
Koo Studio चुनावी तर्क वितर्क- छठे चरण के मतदान के बाद उत्तर प्रदेश के राजनीति पर क्या हैं एक्सपर्ट्स के विचार
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उत्तर प्रदेश में चल रहे विधानसभा चुनाव अपने अंतिम दौर में आ चुका है। 7 चरणों में हो रहे विधानसभा चुनावों में 6 चरणों के लिए मतदान हो चुका है व सातवें और अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च को होगा। केंद्र की राजनीति की नब्ज कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश के चुनावों पर पूरे देश की नजर है। ऐसे में Koo Studio के खास प्रोग्राम चुनावी तर्क वितर्क के दूसरे एपिसोड में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के छठे चरण तक के मतदान के बाद यहां के सियासी माहौल पर चर्चा किया गया। जिसमें जाने-माने राजनीतिक विश्लेषक Umesh Chaturvedi व Jagran New Media के एग्जक्यूटिव एडिटर Pratyush Ranjan ने विधानसभा चुनावों पर विस्तृत चर्चा किया।

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उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के छठे चरण के लिए मतदान हो गया है। ये चरण कई मायनों में महत्‍वपूर्ण है, इसलिए सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। छठे चरण में 50 प्रतिशत से ज्‍यादा मतदान हुआ। जानिए- विशेषज्ञों का इसको लेकर क्‍या कहना है।

विधानसभा चुनावों में छठे चरण में पूर्वांचल के क्षेत्र में मतदान किया गया। बात अगर वोट प्रतिशत की करें तो इस चुनाव में लगभग 55 प्रतिशत वोट डाले गए। पिछले चुनावों की तुलना में इस बार के चुनाव में मतदान का प्रतिशत कम रहा है। जो कि जनता की उदासीनता को दर्शाता है। हालांकि विशेषज्ञों की मानें तो पूर्वांचल की जनता पिछले चुनाव की भांति स्पष्ट जनाधार देगी।

आगे बढ़ते हुए उत्तर प्रदेश के चुनावों में जातीय गणित के महत्व पर भी चर्चा किया गया। उत्तर प्रदेश चुनावों में जातीय गणित हमेशा से महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। सभी पार्टियां अपने टिकट आवंटन से लेकर चुनाव प्रचार की रणनीति में भी जातीय गणित को काफी महत्व देती हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में पूर्वांचल की अधिकतर सीटों पर भाजपा को विजय मिली थी और इस बार भी भाजपा अपने प्रदर्शन को दोहराने का प्रयास करेगी। तो वहीं सपा व अन्य छोटी पार्टियां भी जातीय समीकरणों के साथ ओबीसी व दलित वर्ग के वोट बैंक में सेंध लगाने का प्रयास कर रही है। हालांकि यह चुनाव जातीय समीकरणों को तोड़ने का भी संकेत देती हैं।

पूर्वांचल की महत्वपूर्ण सीटों के बारे में बात करते हुए एक्सपर्ट्स ने बताया कि यहां कि सबसे महत्वपूर्ण सीट गोरखपुर की है। जहां से योगी आदित्यनाथ पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अतिरिक्त अन्य महत्वपूर्ण सीटों में फाजिल नगर की सीट है जहां से भाजपा छोड़ सपा में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य चुनाव लड़ रहे हैं। साथ ही बांसडीह बलिया से मौजूदा विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी चुनाव लड़ रहे हैं। इन सभी सीटों पर विजय प्राप्त करना राजनीतिक दलों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

इन सब के अतिरिक्त पूर्वांचल व पूरे उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के विभिन्न पहलुओं को समझने का प्रयास किया गया। अभी तक के चुनाव व मतदान को और भी बेहतर तरीके से समझने के लिए आप यह पूरा वीडियो यहां देख सकते हैं।

साथ ही विधानसभा चुनावों से जुड़े सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं को समझने के लिए @dainikjagran को Koo ऐप पर फॉलो करें।


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