Move to Jagran APP

Koo Studio चुनावी हलचल - छोटे राजनीतिक दलों की बढ़ती सियासी अहमियत के क्या है मायने

उत्तर प्रदेश की राजनीतिक को समझने वाले यह मानते हैं कि छोटे राजनीतिक दलों और उनके नेता का अपनी कम्युनिटी में बहुत ही ज्यादा प्रभाव होता है और बड़ी राजनीतिक पार्टियों को इनके वोट बैंक में सेंध लगाना बहुत ही मुश्किल होता है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 05 Mar 2022 09:52 PM (IST)Updated: Sun, 06 Mar 2022 08:00 AM (IST)
Koo Studio चुनावी हलचल - छोटे राजनीतिक दलों की बढ़ती सियासी अहमियत के क्या है मायने
भारतीय चुनाव में छोटे राजनीतिक दलों की अहमियत।

भारतीय चुनाव में छोटे राजनीतिक दलों की अहमियत बहुत ज्यादा है। यह अपने दम पर राज्य में सरकार बना सकते हैं या फिर किसी बड़ी पार्टी का समर्थन करके किंग मेकर की भूमिका अदा कर सकते हैं। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा के चुनाव में भी छोटे राजनीतिक पार्टियों पर सबकी नजर है। बात करें उत्तर प्रदेश के चुनाव की तो आजाद समाज पार्टी, निषाद पार्टी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और अपना दल आदि जैसी छोटी पार्टियां बड़ी पार्टियों के साथ जुड़कर उनके बहुमत को और मजबूत करती हैं और सरकार बनाने में योगदान देती हैं। हालांकि, जनता एक पार्टी को बहुमत दे देती है तो इन छोटी पार्टियों के लिए अपना अस्तित्व बचाना बहुत ही मुश्किल हो जाता है।

loksabha election banner

भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती है कि यहां हर कोई चुनाव में अपनी किस्मत आजमा सकता है। उधर जनता के सामने विकल्प है कि अगर वो किसी पार्टी के कार्य से खुश नहीं है, तो वो दूसरी पार्टी पर भरोसा कर सकते हैं और उन्हें सरकार के लिए चुन सकते हैं। जेपी आंदोलन के बाद से भारत में कई छोटे राजनीतिक दलों के उदय की शुरुआत हुई और एक विकल्प जनता के सामने आया और आज बड़ी पार्टी बन चुके हैं। हालांकि, इनमें से कई पार्टियां हैं जिनके कार्य से जनता अभी भी खुश नहीं हैं। आम आदमी पार्टी की लोकप्रियता को देखकर यह कहा जा सकता है कि एक बार फिर छोटे राजनीतिक दलों की सियासी अहमियत बढ़ रही है। आज Koo Studio के खास प्रोग्राम चुनावी हलचल में Jagran New Media के एग्जक्यूटिव एडिटर और चुनावी विशेषज्ञ Pratyush Ranjan द्वारा छोटे राजनीतिक दलों का विस्तार से विश्लेषण किया गया है।

उत्तर प्रदेश की राजनीतिक को समझने वाले यह मानते हैं कि छोटे राजनीतिक दलों और उनके नेता का अपनी कम्युनिटी में बहुत ही ज्यादा प्रभाव होता है, और बड़ी राजनीतिक पार्टियों को इनके वोट बैंक में सेंध लगाना बहुत ही मुश्किल होता है। हालांकि, 2014 के लोकसभा, 2017 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करके कई छोटे राजनीतिक पार्टियों के वोट बैंक में सेंध लगाया और भारी बहुमत प्राप्त किया। 2022 के उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को उम्मीद है कि वह एक बार फिर करिश्मा करेंगे।

पांच राज्यों के चुनाव में इन छोटी पार्टियो ने प्रचार के अलग-अलग तरीके अपनाएं हैं। सोशल मीडिया का सहारा लेकर इन पार्टियों ने अपने विरोधियों को घेरा। हाल ही में आम आदमी पार्टी- उत्तर प्रदेश विंग ने अपने Koo हैंडल पर महंगाई और बिजली पर बात की है और जनता को आश्वासन दिया है कि अगर वह सत्ता में आएंगे तो वह इस पर जरूर काम करेंगे।

Koo App

आज महंगाई एक बड़ी समस्या है, ऐसे में 300 यूनिट फ्री बिजली मिलना एक बड़ी राहत है। आपके द्वारा एक बेहतर सरकार के चुनाव से यूपी में ये संभव हो सकता है। झाड़ू का बटन दबाएं AAP की सरकार बनाएं

View attached media content - Aam Aadmi Party- Uttar Pradesh (@AAPUttarPradesh) 4 Mar 2022

वहीं दूसरी तरफ सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने Koo करके सत्ताधारी पार्टी पर स्वास्थ्य और कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाया है।

Koo App

सपा सुभासपा की सरकार बनने पर एम्बुलेंस दोगुना करने का काम करेंगे पुलिस की 100 नंबर वाली गाड़ी भी बढ़ाने का काम करेंगे- माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी, मऊ

View attached media content - Om Prakash Rajbhar (@oprajbhar) 4 Mar 2022

इसके अतिरिक्त और भी कई लोगों ने माइक्रो ब्लॉगिंग ऐप Koo पर उत्तर प्रदेश चुनाव पर अपनी बात की है। साथ ही, Koo Studio चुनावी हलचल के इस एपिसोड में और भी कई महत्वपूर्ण राजनीतिक बिंदुओं पर चर्चा की गई है। जिसे आप यहां पर देख सकते हैं-

आप विभिन्न राज्यों के चुनावी हलचल का सटीक विश्लेषण देखने के लिए @dainikjagran को Koo ऐप पर फॉलो करें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.