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आजादी के बाद एससी और एसटी को छोड़कर नहीं हुई जातियों की गिनती, नित्यानंद राय ने लोकसभा को दी जानकारी

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र ने आजादी के बाद से जनगणना में एससी और एसटी के अलावा अन्य जाति के आधार पर आबादी की गणना नहीं की है। जनगणना अनुसूची केंद्रीय मंत्रालयों सहित विभिन्न हितधारकों के परामर्श से तैयार की गई है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Tue, 30 Nov 2021 05:21 PM (IST)Updated: Tue, 30 Nov 2021 07:35 PM (IST)
आजादी के बाद एससी और एसटी को छोड़कर नहीं हुई जातियों की गिनती, नित्यानंद राय ने लोकसभा को दी जानकारी
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय की फाइल फोटो

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि उसने आजादी के बाद से जनगणना में अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के अलावा जाति आधारित गणना नहीं की है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात कही। प्रश्न पूछा गया था कि क्या सरकार ने जाति आधारित जनगणना के लिए कोई योजना या नीति बनाई है?

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गृह राज्यमंत्री ने कहा कि संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश, 1950 और संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश, 1950 के तहत अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के रूप में विशेष तौर पर अधिसूचित जातियों और जनजातियों को एक दशक में होने वाली जनगणना में गिना जाता है।

छह लाख से अधिक भारतीयों ने नागरिकता छोड़ी

सरकार ने लोकसभा को बताया कि पिछले पांच वर्षो में छह लाख से अधिक भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि विदेश मंत्रालय के पास उपलब्ध जानकारी के मुताबिक 1,33,83,718 भारतीय नागरिक दूसरे देशों में रह रहे हैं।

भारतीय नागरिकता के लिए 10,645 लोगों ने किया आवेदन 

नित्यानंद राय ने लोकसभा में कहा कि पिछले पांच वर्षो में 10,645 लोगों ने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया है। इनमें 227 लोग अमेरिका से, 7,782 लोग पाकिस्तान से, 795 लोग अफगानिस्तान से और 184 लोग बांग्लादेश से हैं। इस दौरान कुल 4,177 लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान की गई।

राष्ट्रव्यापी एनआरसी को लेकर अब तक कोई फैसला नहीं

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) तैयार करने के बारे में अब तक कोई फैसला नहीं लिया है। उन्होंने यह भी बताया कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), 2019 को 12 दिसंबर, 2019 को अधिसूचित किया गया था और यह 10 जनवरी, 2020 को अमल में आया। मंत्री ने कहा कि नियमों के अधिसूचित होने के बाद लोग इस कानून के तहत नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं।


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