जानिए- क्या है पीएम मोदी की दिनचर्या और फिटनेस तथा अदम्य ऊर्जा का राज
प्रख्यात अंतरराष्ट्रीय लेखक डॉ. आदिश सी. अग्रवाल ने अपनी किताब नरेंद्र मोदी-ए करिज्मैटिक एंड विजनरी स्टेट्समैन में pm मोदी की तारीफों के पुल बांधे।
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 68वां जन्मदिन है। उनकी अनूठी जीवनशैली ही उन्हें इस उम्र में भी युवाओं जैसी स्फूर्ति और चुस्ती देती है। योग, व्यायाम और सात्विक भोजन उनकी अथक ऊर्जा और अपार सफलता की कुंजी है। प्रख्यात अंतरराष्ट्रीय लेखक और न्यायविद डॉ. आदिश सी. अग्रवाल और साराह जे मार्शगटन ने अपनी किताब 'नरेंद्र मोदी-ए करिज्मैटिक एंड विजनरी स्टेट्समैन' में प्रधानमंत्री मोदी की तारीफों के पुल बांध दिए हैं। 672 पेज की पीएम मोदी की जीवनी के आखिरी अध्याय में लेखकों ने कहा है कि यह एक अलग किस्म के प्रधानमंत्री हैं। भारत में पिछले सात दशकों में ऐसा दूसरा कोई पीएम नहीं हुआ।
यह है पीएम मोदी की दिनचर्या
नरेंद्र मोदी और अन्य प्रधानमंत्रियों में अंतर उनकी दिनचर्या से ही दिखना शुरू हो जाता है। वह जल्दी उठते हैं और देर से सोते हैं। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने एक बार मजाक में कहा था कि नरेंद्र मोदी खुद तो सोते नहीं हैं, अपने मंत्रियों को भी ऐसा नहीं करने देते हैं।
यह स्थापित सत्य है कि पीएम मोदी सुबह चार बजे उठ जाते हैं। नित्यक्रिया के बाद वह हर दिन सूर्य नमस्कार, प्राणायाम और अन्य योगासन करते हैं। उनकी फिटनेस और अदम्य ऊर्जा का यही मंत्र है। मल्टीटास्किंग में बेजोड़ मोदी एक विषय से दूसरे विषय, एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति और एक बैठक से दूसरी बैठक में जाने से कभी थकते नहीं हैं।
सुबह अदरक की चाय, 8 बजे नाश्ता
उनकी चुस्त-दुरुस्त दिनचर्या अदरक की चाय से शुरू होती है। इस बीच वह अपने रोजमर्रा के काम भी निपटा लेते हैं। सुबह आठ बजे हल्के नाश्ते में वह कुछ उबला या भुना हुआ ही खाते हैं। इसके बाद वक्त होता है अखबार पढ़ने का। वह राष्ट्रीय व क्षेत्रीय अखबारों में अपने और अपनी नीतियों के बारे में सकारात्मक और नकारात्मक आलेखों को पढ़ते हैं। प्रत्येक मंत्रालय के मीडिया ट्रैकर प्रतिदिन कार्यालय में सुबह छह बजे तक पहुंच जाते हैं ताकि आठ बजे तक मोदी के निवास पर मीडिया का विशिष्ट कवरेज भेज सकें।
सुबह नौ बजे पहुंच जाते हैं अपने कार्यालय
अगर वह दिल्ली में होते हैं तो हर हालत में सुबह नौ बजे अपने कार्यालय पहुंच जाते हैं। इससे न एक मिनट पहले और न एक मिनट बाद। इसीलिए वह हर नौकरशाह से अपने दफ्तर में उसी समय पहुंचने की उम्मीद करते हैं। अन्य प्रधानमंत्रियों से इतर मोदी अपने निवास के बजाय अपने कार्यालय से ही कामकाज करना पसंद करते हैं। वह अपने कार्यालय भी पैदल ही जाते हैं। इसके बाद अगले 150 मिनट सुशासन और देश के कामकाज के लिए व्यतीत किए जाते हैं। इसमें बैठकें करना, फाइलें और रिपोर्ट चेक करना शामिल है।
11.30 बजे दोपहर का भोजन
दोपहर का भोजन वह 11.30 बजे ही कर लेते हैं। उनका अपना एक खानसामा है जो उनके घर और दफ्तर में उनके लिए भोजन बनाता है। उन्हें गुजराती और दक्षिण भारतीय भोजन पसंद है। उनके रोजमर्रा के भोजन में कढ़ी, खिचड़ी, उपमा, भाखड़ी और खाखरा शामिल होता है। इसके बाद वह फिर कामकाज में जुट जाते हैं। वह मल्टीटास्किंग में विश्वास रखते हैं और कभी एक मिनट भी नहीं गंवाते।
रात का भोजन 10 बजे
रात का भोजन वह दस बजे करते हैं। रात्रि भोजन के समय उन्हें टीवी देखना पसंद है। इस दौरान वह न्यूज चैनल देखते हैं। खासकर समसामयिक मुद्दों पर परिचर्चा देखना उन्हें पसंद है। इसके बाद वह ई-मेल चेक करते हैं और उनके जवाब भी देते हैं।
सोने से पहले करते हैं फोन
देर रात एक बजे सोने जाने से पहले वह अपने परिजनों और मित्रों को कुछ फोन कॉल करते हैं। उनके पूरे दिन में यही क्षण उनका नितांत निजी होता है। मोदी अन्य प्रधानमंत्रियों से अलग अपनी टीम को लेकर भी हैं। उनकी टीम में नौकरशाह बने तकनीकी क्षेत्र के लोग ही हैं। राजनीति और सुशासन के माहिर इन लोगों में अमित शाह, अजित डोभाल, नृपेंद्र मिश्रा, डॉ. हिरेन जोशी आदि सफलता के नए मापदंड बना रहे हैं।