Move to Jagran APP

Vice President Poll: आज चुने जाएंगे देश के नए उपराष्ट्रपति, जानें क्या है पूरी प्रक्रिया और किसे है वोट डालने का अधिकार

संसद भवन में आज सुबह 10 बजे से इसके लिए वोटिंग शुरू हो चुकी है जो शाम पांच बजे तक जारी रहेगी। आज ही वोटों की गिनती भी की जाएगी और नतीजे का एलान रात तक हो जाएगा। इसके बाद निर्वाचन अधिकारी नए उपराष्ट्रपति के नाम की घोषणा कर देंगे।

By Monika MinalEdited By: Published: Sat, 06 Aug 2022 11:55 AM (IST)Updated: Sat, 06 Aug 2022 11:55 AM (IST)
Vice President Poll:  आज चुने जाएंगे देश के नए उपराष्ट्रपति, जानें  क्या है पूरी प्रक्रिया और किसे है वोट डालने का अधिकार
देश के नए उपराष्ट्रपति का चुनाव हो जाएगा आज

नई दिल्ली, एजेंसी। Vice President Election 2022: राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति अहम संवैधानिक पद हैं। देश के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद आज (शनिवार) उपराष्ट्रपति का चुनाव किया जाना है। इन दोनों के चुनाव के लिए अप्रत्यक्ष प्रक्रिया अपनाई जाती है। राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति चुनाव में किसी कारण विवाद की स्थिति हो तो संविधान के अनुच्छेद-71 के मुताबिक, देश के सुप्रीम कोर्ट को फैसले का अधिकार होता है। आज हो रहे उपराष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) और विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा (Margaret Alva) आमने-सामने हैं।

loksabha election banner

संसद भवन में आज सुबह 10 बजे से इसके लिए वोटिंग शुरू हो चुकी है जो शाम पांच बजे तक जारी रहेगी। आज ही वोटों की गिनती भी की जाएगी और नतीजे का एलान रात तक हो जाएगा। इसके बाद निर्वाचन अधिकारी नए उपराष्ट्रपति के नाम की घोषणा भी कर देंगे। चलिए जानते हैं देश के नए उपराष्ट्रपति का चुनाव कैसे किया जाता है, कौन-कौन डाल सकते हैं वोट और कैसे होगी गिनती...।

किसी भी सदन का सेक्रेटरी जनरल होता है निर्वाचन अधिकारी

देश में उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए चुनाव आयोग (Election Commission) किसी भी एक सदन के सेक्रेटरी जनरल को निर्वाचन अधिकारी के तौर पर नियुक्त करता है। यही अधिकारी चुनाव के लिए पब्लिक नोट जारी करने से लेकर उम्मीदवारों के नामांकन तक का काम करता है।

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग का अधिकार

  • उपराष्ट्रपति का चुनाव जनता द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधि करते हैं
  • उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए केवल सांसद ही वोट डाल सकते हैं
  • उपराष्ट्रपति चुनाव में राज्यसभा और लोकसभा के मनोनीत सदस्य भी कर सकते हैं वोटिंग
  • बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में राज्‍यों के विधानमंडलों के सदस्यों को भी वोटिंग का भी अधिकार होता है।
  • राष्ट्रपति चुनाव में किसी भी सदन के मनोनीत सदस्य को वोट नहीं डाल सकते हैं।

उपराष्ट्रपति चुनने की प्रक्रिया- आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति

उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन कराने वाले उम्मीदवार को कम-से-कम 20 सांसद बतौर प्रस्तावक और 20 सांसद बतौर समर्थक दिखाने की शर्त पूरी करनी होती है। उम्मीदवार संसद के किसी भी सदन का सदस्य नहीं होना चाहिए। यदि कोई सांसद चुनाव लड़ना चाहता है तो उसे संसद की सदस्यता से इस्तीफा देना होगा। उपराष्ट्रपति का निर्वाचन संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बनने वाले निर्वाचक मंडल यानी इलेक्टोरल कॉलेज के जरिए आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के जरिए होता है। संसद का हर सदस्य केवल एक वोट ही डाल सकता है। मतदाता को अपनी पसंद के आधार पर प्राथमिकता तय करनी होती है। मतदाता वोटिंग के दौरान बैलेट पेपर पर मौजूद उम्मीदवारों की लिस्ट में अपनी पहली पसंद को 1, दूसरी पसंद को 2 और इसी क्रम से आगे की प्राथमिकता देता है। राज्यसभा चुने हुए सदस्य (233) और मनोनित सदस्य (12) वहीं लोकसभा के चुने हुए सदस्य (543) और मनोनीत सदस्य (2) दोनों सदनों के कुल 790 निर्वाचक हिस्सा लेते हैं।

खास तरीके से होती है वोटों की गिनती

वोटों की गिनती में सबसे पहले सभी उम्मीदवारों को मिले पहली प्राथमिकता वाले वोटों को आंकड़ा देखते हैं। इनके कुल जोड़ को 2 से विभाजित करने के बाद मिलने वाले भागफल में 1 जोड़ दिया जाता है। नतीजे में जो संख्या प्राप्त होती है वह कोटा के तहत दर्ज होता है। यह उस उम्मीदवार को काउंटिंग में बने रहने के लिए आवश्यक है। यदि कोई उम्मीदवार पहली ही काउंटिंग में जीत के लिए जरूरी कोटे के बराबर या उससे अधिक वोट हासिल कर लेता है तो उस उम्मीदवार को जीता हुआ घोषित कर दिया जाता है। लेकिन यदि किसी कारण रिजल्ट नहीं निकल पाता तो इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाता है।

सबसे कम वोट पाने वाले उम्मीदवार को चुनाव की रेस से बाहर कर दिया जाता है। उसे पहली प्राथमिकता देने वाले वोटों में यह देखा जाता है कि वोटिंग में दूसरी प्राथमिकता किसे दी गई है। इसके बाद दूसरी प्राथमिकता वाले इन वोटों को दूसरे उम्मीदवारों के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता है। इन वोटों के ट्रांसफर करने के बाद किसी उम्मीदवार के वोट कोटे वाली संख्या के बराबर या उससे अधिक हो जाते हैं तो वह उम्मीदवार विजयी घोषित किया जाता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.