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जानें कैसे प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी है विपक्ष का मनोबल तोड़ने वाली और भाजपा का हौसला बढ़ाने वाली

प्रशांत किशोर ने कहा कि भाजपा कई दशकों तक कहीं नहीं जाने वाली है। राष्ट्रीय स्तर पर अगर आप 30 फीसद वोट सुरक्षित कर लेते हैं तो आप जल्द कहीं नहीं जा रहे। भारतीय राजनीति में आज उसका रुतबा वही है जो शुरुआती 40 सालों तक कांग्रेस का था।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 28 Oct 2021 05:55 PM (IST)Updated: Thu, 28 Oct 2021 07:00 PM (IST)
जानें कैसे प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी है विपक्ष का मनोबल तोड़ने वाली और भाजपा का हौसला बढ़ाने वाली
चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा है

 नई दिल्ली/पणजी, आइएएनएस। चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने देश की चुनावी राजनीति को बड़ी भविष्यवाणी की है। यह भविष्यवाणी विपक्ष का मनोबल तोड़ने वाली और भाजपा का हौसला बढ़ाने वाली है। प्रशांत किशोर ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी कई दशकों तक कहीं नहीं जा रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ समस्या यह है कि उन्हें लगता है कि लोगों द्वारा भाजपा को उखाड़ फेंका जाएगा। प्रशांत किशोर ने बुधवार को गोवा में एक कार्यक्रम के दौरान यह बात कही और उनके प्रश्नोत्तर सत्र की एक क्लिप को सोशल मीडिया में साझा किया गया है। यह बयान ऐसे समय में आया है, जब तृणमूल कांग्रेस बंगाल से बाहर अपना विस्तार कर रही है। यह बात इस बात का सबूत भी है कि प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की बातचीत लगभग समाप्त हो गई है।

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क्या कहा है पीके ने?

प्रशांत किशोर ने कहा कि भाजपा कई दशकों तक कहीं नहीं जाने वाली है। राष्ट्रीय स्तर पर अगर आप 30 फीसद वोट सुरक्षित कर लेते हैं तो आप जल्द कहीं नहीं जा रहे। भारतीय राजनीति में आज उसका रुतबा वही है जो आजादी के बाद के शुरुआती 40 सालों तक कांग्रेस का था। पीके ने कहा कि जो लोग यह सोचते हैं कि देश की जनता में नाराजगी है और जनता पीएम मोदी को उखाड़ फेंकेगी, तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं होने वाला है। हो सकता है कि लोग मोदी को उखाड़ फेंके भी लेकिन भाजपा कहीं नहीं जाने वाली है।

मोदी की ताकत का एहसास नहीं

उन्होंने कहा कि जब तक आप उनकी ताकत की जांच और परख नहीं कर लेते, आप उन्हें हराने के लिए काउंटर नहीं कर सकते। लोगों के साथ समस्या इस बात की है कि वह उनकी (नरेन्द्र मोदी) ताकत को समझने के लिए समय नहीं दे रहे हैं। ऐसा क्या है, जो उन्हें लोकप्रिय बना रहा है। अगर आप इस बात को जानते हैं तो आप उन्हें काउंटर कर सकते हैं। कांग्रेस का पतन और भाजपा की ताकत उन्होंने कहा कि केवल एक तिहाई लोग भाजपा को वोट दे रहे हैं या भाजपा का समर्थन करना चाहते हैं। समस्या यह है कि दो-तिहाई मतदाता का पक्ष इतना खंडित है कि यह 10, 12 या 15 राजनीतिक दलों में बंटा हुआ है। यही है जो कांग्रेस के पतन की वजह है। 65 फीसद वोट बैंक खंडित है और कांग्रेस का समर्थन खत्म हो गया है। ये छोट-छोटे दलों में बंटा हुआ है।

कांग्रेस के पूर्व नेता संजय झा ने कहा कि प्रशांत किशोर बिल्कुल सही हैं। वह एक बुनियादी न्यूनतम सीमा का उल्लेख करते हैं जो भाजपा ने वोट शेयर में हासिल किया है। 2009 में उसके पास केवल 18 फीसद वोट शेयर थे, लेकिन लोकसभा में उसके पास 116 सीटें थीं। आज उसके पास 37 फीसदी वोट शेयर है। भले ही यह 2024 में बुरी तरह विफल हो जाए, लेकिन उसके पास लोकसभा सीटों की प्रभावशाली संख्या होगी।

यूपी में कांग्रेस नहीं होगी पुनर्जीवित

इससे पहले प्रशांत किशोर ने कहा था कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की किस्मत, जो अगले साल विधानसभा चुनावों में है, सभी कुछ के बावजूद पुनर्जीवित नहीं होगी। जबकि, लखीमपुर खीरी कांड और उसके बाद पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की गिरफ्तारी के के बाद ऐसा माना जाने लगा था कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में पुनर्जीवित हो सकती है। लखीमपुर खीरी घटना के आधार पर कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष के त्वरित, सहज पुनरुद्धार की तलाश करने वाले लोग खुद को एक बड़ी निराशा के लिए तैयार कर रहे हैं। दुर्भाग्य से इस साल मार्च-अप्रैल में हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को सत्ता में वापस लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रशांत किशोर ने टि्वटर पर लिखा था कि कांग्रेस पार्टी की संरचनात्मक कमजोरी और गहरी समस्याओं का कोई त्वरित समाधान नहीं है।

प्रशांत किशोर की ममता बनर्जी से नजदीकी

प्रशांत किशोर की तृणमूल कांग्रेस के साथ बढ़ती नजदीकी से यह भी अटकलें लग रही हैं कि ममता बनर्जी उन्हें राज्यसभा भेज सकती हैं। बंगाल में जीत की हैट्रिक लगाने के बाद जिस तरह से ममता बनर्जी राष्ट्रीय स्तर पर टीएमसी को बीजेपी के विकल्प के तौर पर पेश करने की कोशिश कर रही हैं, उसके पीछे भी प्रशांत किशोर का दिमाग माना जा रहा है। कहीं ऐसा तो नहीं कि कांग्रेस को 'चुभने' वाले पीके के बयान उसी नैरेटिव को सेट करने की कोशिश है कि पीएम मोदी का मुकाबला ममता बनर्जी ही कर सकती हैं।


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