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असम के पूर्व सीएम के बेटे होंगे अगले मुख्य न्यायाधीश, जानिए- कौन हैं रंजन गोगोई

जस्टिस रंजन गोगोई तीन अक्टूबर को 46 वें प्रधान न्यायाधीश के तौर पर पदभार ग्रहण करेंगे। वह 17 नवंबर, 2019 को सेवानिवृत होंगे।

By Manish NegiEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 10:06 AM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 10:28 AM (IST)
असम के पूर्व सीएम के बेटे होंगे अगले मुख्य न्यायाधीश, जानिए- कौन हैं रंजन गोगोई
असम के पूर्व सीएम के बेटे होंगे अगले मुख्य न्यायाधीश, जानिए- कौन हैं रंजन गोगोई

नई दिल्ली, पीटीआई। जस्टिस रंजन गोगोई देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे। वे तीन अक्टूबर को मुख्य न्यायाधीश के पद की शपथ लेंगे। गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गोगोई के नाम पर अपनी मुहर लगा दी। जस्टिस रंजन गोगोई ने न्यायपालिका के शीर्ष पद तक पहुंचने के लिए एक लंबा सफर तय किया है और वह इस पद पर पहुंचने वाले पूर्वोत्तर के पहले शख्स हैं।

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18 नवंबर, 1954 को जन्मे जस्टिस रंजन गोगोई ने डिब्रूगढ़ के डॉन बोस्को स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा अर्जित की और दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इतिहास की पढ़ाई की। असम के पूर्व मुख्यमंत्री केशव चंद्र गोगोई के बेटे न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने 1978 में वकालत के लिए पंजीकरण कराया था। उन्होंने संवैधानिक, कराधान और कंपनी मामलों में गुवाहाटी उच्च न्यायालय में वकालत की। 

28 फरवरी, 2001 को रंजन गोगोई को गुवाहाटी उच्च न्यायालय का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।नौ सितंबर 2010 को उनका पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में तबादला किया गया। उन्हें 12 फरवरी, 2011 को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। वह 23 अप्रैल, 2012 को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त किये गये।

बतादें कि 63 वर्षीय जस्टिस रंजन गोगोई जनवरी में उच्चतम न्यायालय के तीन अन्य वरिष्ठतम न्यायाधीशों के साथ संवाददाता सम्मेलन कर तथा उसके चार महीने बाद अपने एक बयान से सुर्खियों में आए थे। उन्होंने कहा था, ‘स्वतंत्र न्यायाधीश और शोर मचाने वाले पत्रकार लोकतंत्र की पहली रक्षा रेखा हैं।’ उनका यह भी कहना था कि न्यायपालिका के संस्थान को आम लोगों के लिए सेवायोग्य बनाए रखने के लिए सुधार नहीं क्रांति की जरुरत है।

जस्टिस रंजन गोगोई तीन अक्टूबर को 46 वें प्रधान न्यायाधीश के तौर पर पदभार ग्रहण करेंगे। वह 17 नवंबर, 2019 को सेवानिवृत होंगे।

उन्होंने असम की राष्ट्रीय नागरिक पंजी, सांसदों और विधायकों की विशेष तौर पर सुनवाई के लिए विशेष अदालतों के गठन, राजीव गांधी हत्याकांड के मुजरिमों की उम्रकैद की सजा में कमी, लोकपाल की नियुक्ति समेत विभिन्न विषयों पर अहम फैसले दिये हैं।


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