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CBI Investigation: महाराष्ट्र, राजस्‍थान और बंगाल के बाद केरल ने जांच के लिए सीबीआइ को दी गई आम सहमति वापस ली

अब सीबीआइ को केरल में कोई मामला दर्ज करने के लिए पहले राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी। इससे पहले सीबीआइ द्वारा सोना तस्करी की जांच शुरू करने के बाद पहली बार केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने केंद्रीय जांच एजेंसी पर निशाना साधा था।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 04 Nov 2020 06:11 PM (IST)Updated: Wed, 04 Nov 2020 06:21 PM (IST)
CBI Investigation:  महाराष्ट्र, राजस्‍थान और बंगाल के बाद केरल ने जांच के लिए सीबीआइ को दी गई आम सहमति वापस ली
केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन की फाइल फोटो।

तिरुअनंतपुरम, एएनआइ। गैर भाजपा शासित राज्य केरल ने भी बुधवार को राज्य में जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) को दी गई आम सहमति वापस ले ली। पिछले महीने महाराष्ट्र सरकार ने भी सीबीआइ को राज्य में जांच के लिए दी गई आम सहमति वापस ले ली थी। सूत्रों ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। 

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इसके बाद अब सीबीआइ को केरल में कोई मामला दर्ज करने के लिए पहले राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी। इससे पहले, सीबीआइ द्वारा सोना तस्करी की जांच शुरू करने के बाद सोमवार को पहली बार केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने केंद्रीय जांच एजेंसी पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि सीबीआइ अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम कर रही है, जिससे शासन के संघीय ढांचे के लिए खतरा पैदा हो गया है। 

बीते दिनों केरल में विपक्षी कांग्रेस और भाजपा ने सीबीआइ को दी गई सामान्य सहमति वापस लेने के संबंध में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की ओर से दिए गए सुझाव की आलोचना की।  दोनों विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया था कि वह वाम सरकार के ‘बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार’ को छिपाना चाहती है। केरल के कानून मंत्री ए के बालन ने कहा था कि कांग्रेस शासित राज्यों सहित कई अन्य राज्यों ने भी सीबीआई को दी गई सामान्य सहमति वापस ले ली है। 

सीबीआई जांच से भयभीत है सरकार 

वहीं, प्रदेश कांग्रेस प्रमुख मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने कहा था कि केरल सरकार सीबीआई जांच से भयभीत है। उन्हें यह साफ करना चाहिए कि क्या राष्ट्रीय स्तर पर भी सीबीआई के संबंध में उनका यही रुख है। 

सीबीआइ केरल में लाइफ मिशन प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार और दलाली के मामले की जांच कर रही है। यह योजना गरीबों को मुफ्त में घर मुहैया कराने की है। बता दें कि गैर भाजपा शासित तीन राज्यों-राजस्थान, छत्तीसगढ़ और बंगाल पहले ही सीबीआइ को राज्य में जांच के लिए दी गई आम सहमति वापस ले चुके हैं। 

महाराष्ट्र सरकार ने 21 अक्टूबर को आम सहमति वापस लेने का फैसला किया था। उत्तर प्रदेश में टीआरपी घोटाले में दर्ज एक केस को सीबीआइ को सौंपे जाने के एक दिन बाद महाराष्ट्र सरकार ने फैसला किया था। टीआरपी घोटाले की जांच मुंबई पुलिस भी कर रही है, जिसमें रिपब्लिक भारत समेत कई टीवी चैनलों के खिलाफ जांच चल रही है। अब तक कई लोगों की इसमें गिरफ्तारी भी हो चुकी है। 


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