केरल के नए राज्यपाल आरिफ खान, प्रगतिशील मुस्लिम चेहरा, जानें- इनके बारे में
आरिफ मोहम्मद खान केंद्र सरकार के तीन तलाक खत्म करने और अनुच्छेद 370 हटाने पर मोदी सरकार के फैसलों की तारीफ की थी।
नई दिल्ली, जेएनएन। केरल के नए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को प्रगतिशील मुस्लिम चेहरे के तौर पर जाना जाता है। 1986 में शाहबानो केस में सुप्रीम कोर्ट को संसद द्वारा कानून बनाकर पलटे जाने के विरोध में उन्होंने केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। जिस वंदे मातरम को लेकर मुस्लिम समुदाय आपत्ति जताते हैं, उसका भी उन्होंने उर्दू में अनुवाद किया था।
तीन तलाक और अनुच्छेद 370 हटाने का किए थे तारीफ
कांग्रेस में रहे आरिफ मोहम्मद खान लंबे समय से सक्रिय राजनीति से दूर थे। उन्होंने वंदे मातरम् का उर्दू में अनुवाद भी किया था। केंद्र सरकार के तीन तलाक खत्म करने और अनुच्छेद 370 हटाने पर मोदी सरकार के फैसलों की तारीफ की थी। वे 1984 की राजीव गांधी सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे। तब उन्होंने शाहबानो केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को संसद में कानून बनाकर पलटे जाने के विरोध में मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।
यह सेवा करने का मौका: आरिफ
आरिफ मोहम्मद ने कहा कि मेरे लिए यह सेवा करने का एक मौका है। साथ ही देश के एक ऐसे हिस्से को जानने का शानदार अवसर है, जो देश की सीमा से लगा है। विविधताओं वाले इस देश में मेरा जन्म होना सौभाग्य है। इस देश को देवभूमि कहा जाता है।
क्या था शाहबानो मामला
मध्य प्रदेश के इंदौर निवासी शाहबानो को उनके पति मोहम्मद खान ने 1978 में तलाक दे दिया था। पांच बच्चों की मां 62 वर्षीय शाहबानो ने गुजारा भत्ता पाने के लिए कानून की शरण ली। मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा और शीर्ष अदालत ने अपराध दंड संहिता की धारा 125 के अंतर्गत शाहबानो के हक में फैसला देते हुए मोहम्मद खान को गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समेत मुस्लिम कट्टरपंथियों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पुरजोर विरोध किया। कट्टरपंथियों के दबाव में राजीव गांधी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं को मिलने वाले मुआवजे को निरस्त करते हुए एक साल के भीतर मुस्लिम महिला (तलाक में संरक्षण का अधिकार) अधिनियम, (1986) पारित कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया था।
कौन हैं आरिफ मोहम्मद खान?
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में जन्मे आरिफ मोहम्मद खान पूर्व कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने ऊर्जा मंत्रालय से लेकर नागरिक विमानन तक कई मंत्रालय का प्रभार संभाला। उन्होंने जामिया मिल्लिया, दिल्ली, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और शिया कॉलेज, लखनऊ यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी की।
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