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केरल हाई कोर्ट ने नई सरकार के शपथ ग्रहण को दी मंजूरी, लोगों की संख्या सीमित रखने के निर्देश

केरल में गुरुवार को शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। इससे पहले केरल हाई कोर्ट ने नई सरकार के शपथ ग्रहण को मंजूरी दे दी है। लेकिन इसके साथ ही निर्देश दिया है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए लोगों की संख्या सीमित रहे।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Thu, 20 May 2021 02:30 PM (IST)Updated: Thu, 20 May 2021 02:33 PM (IST)
केरल हाई कोर्ट ने नई सरकार के शपथ ग्रहण को दी मंजूरी, लोगों की संख्या सीमित रखने के निर्देश
केरल में नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह को मंजूरी। (फोटो: दैनिक जागरण)

कोच्चि, प्रेट्र। केरल हाई कोर्ट ने नई सरकार के शपथ ग्रहण को मंजूरी दे दी है। लेकिन उसने कोरोना संक्रमण को देखते हुए लोगों की संख्या को सीमित रखने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की आगुआई में वामपंथी लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार गुरुवार को तिरुअनंतपुरम के स्टेडियम में शपथ लेगी।कोर्ट ने कहा कि बंगाल और तमिलनाडु में कम संख्या के साथ शपथ ग्रहण समारोह आयोजन किया गया है। कोविड-19 प्रबंधन में आगे रह चुकी केरल सरकार इसे फैलने से रोकने के लिए संख्या सीमित करे। कोर्ट ने त्रिसूर स्थित एनजीओ 'चिकित्सानीति' के डा. केजे प्रिंस की ओर से दाखिल याचिका पर यह आदेश दिया है। कोर्ट से हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए याचिकाकर्ता ने कहा था कि इस शपथ ग्रहण समारोह में पांच सौ से ज्यादा लोग भाग ले सकते हैं।

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केरल के मुख्यमंत्री विजयन के दामाद बनेंगे कैबिनेट मंत्री

मा‌र्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) समेत उसके सहयोगी वामपंथी दल परिवारवाद से अछूते रहे हैं, लेकिन केरल में बनने जा रही नई राज्य सरकार में माकपा के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन अपने दामाद को कैबिनट मंत्री बनाने जा रहे हैं। दूसरी ओर पार्टी की वरिष्ठ नेता केके शैलजा को मंत्री पद के लिए न चुने जाने को लेकर बहस शुरू हो गई है।

विजयन के साथ पार्टी ने जिन सदस्यों को मंत्री पद के लिए चुना है उनमें मुहम्मद रियाज का नाम भी है। वह मुख्यमंत्री के दामाद हैं। अन्य लोगों में एमवी गोविंदन, के. राधाकृष्णन, केएन बालागोपाल, पी. राजीव, वीएन वासवान, साजी चेरियन, वी. सिवानकुटट्टी, डा. आर.बिंदू, वीना जार्ज तथा वी अब्दुल रहमान के नाम शामिल हैं। वीना जार्ज पहले पत्रकार थीं। माकपा ने इस बार नए चेहरों को प्राथमिकता दी है। पिछली बार पार्टी के जो नेता मंत्री थे उनको नई सरकार में मंत्री पद के लिए नहीं चुना गया है। इनमें पिछली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहीं केके शैलजा का नाम भी शामिल है। शैलजा को मंत्रिमंडल में जगह न देने को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है। 


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