केरल सरकार का पलटवार, संघ प्रचारक की तरह बात कर रहे पीएम
सबरीमाला विवाद को लेकर केरल सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सबरीमाला मंदिर में दस साल से 50 साल की महिलाओं के प्रवेश पर जारी विवाद को लेकर केरल सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पलटवार किया है। माकपा के नेतृत्व वाली एलडीएफ सरकार ने कहा कि पीएम मोदी ने संविधान की शपथ ली है लेकिन वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रचारक की तरह बात करते हैं। सबरीमाला पर उनका बयान भारतीय संविधान और सुप्रीम कोर्ट पर सीधा हमला है। दूसरी ओर, कन्नूर जिले की रहने वाली दो युवतियों ने बुधवार की सुबह सबरीमाला मंदिर में प्रवेश की कोशिश की लेकिन प्रदर्शनकारियों ने बीच रास्ते में ही उन्हें रोक कर वापस लौटा दिया।
माकपा ने बुधवार को अपने जारी बयान में कहा कि सबरीमाला मुद्दे पर मोदी का बयान नृशंस और निंदनीय है। मोदी भूल गए हैं कि उन्होंने भारतीय संविधान की शपथ ली है और वह प्रधानमंत्री के बजाय आरएसएस प्रचारक की तरह बात कर रहे हैं। बयान में कहा कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने के लिए तत्पर है। साथ ही प्रधानमंत्री का बयान भविष्य के लिए घातक हो सकता है। उल्लेखनीय है कि विगत मंगलवार को केरल दौरे के दौरान मोदी ने माकपा की गठबंधन सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा था कि यह भारतीय संस्कृति और अध्यात्मिकता में यकीन नहीं करते हैं।
वहीं, बुधवार की सुबह कन्नूर की दो महिलाओं रेशमा निशांत और शनीला ने पवित्र पर्वत पर चढ़कर भगवान अयप्पा के मंदिर में प्रवेश का विफल प्रयास किया। उन्हें अयप्पा के भक्तों ने सबरीमाला के रास्ते में नीलिमाला पर चढ़ावे 'इरुमुदिकेतु' के साथ रोक लिया। उन्हें नीचे पंबा में लाए जाने के बाद सुबह सात बजे करीब इरुमेली के लिए वापस भेज दिया गया। सूत्रों का कहना है कि यह महिलाओं पुरुषों के एक दल के साथ यहां आई थीं।
महिला निशांत ने एक टीवी चैनल को बताया कि उन्होंने सुरक्षा मांगते हुए पुलिस को इसकी जानकारी दे दी है। यह दोनों महिलाएं अब पुलिस की निगरानी में हैं। दोनों महिलाएं अब मंदिर में प्रवेश के लिए अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गई हैं। केरल के देवसोम मंत्री कड़कमपल्ली सुरेंद्रन ने इस घटना को बर्बर बताया है।