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PSA पर सुप्रीम कोर्ट का जम्‍मू-कश्‍मीर प्रशासन को नोटिस, उमर अब्दुल्ला की बहन सारा ने दायर की है याचिका

सुप्रीम कोर्ट ने PSA के तहत नजरबंदी को चुनौती देने वाली जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्‍यमंत्री उमर अब्दुल्ला की बहन सारा की याचिका पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन को नोटिस जारी किया है।

By Tilak RajEdited By: Published: Fri, 14 Feb 2020 01:55 PM (IST)Updated: Fri, 14 Feb 2020 02:33 PM (IST)
PSA पर सुप्रीम कोर्ट का जम्‍मू-कश्‍मीर प्रशासन को नोटिस, उमर अब्दुल्ला की बहन सारा ने दायर की है याचिका
PSA पर सुप्रीम कोर्ट का जम्‍मू-कश्‍मीर प्रशासन को नोटिस, उमर अब्दुल्ला की बहन सारा ने दायर की है याचिका

नई दिल्‍ली, एएनआइ। सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर पब्लिक सेफ्टी एक्ट, 1978 के तहत नजरबंदी को चुनौती देने वाली जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्‍यमंत्री उमर अब्दुल्ला की बहन सारा अब्दुल्ला पायलट की याचिका पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से 2 मार्च तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

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सुनवाई के बाद सारा अब्‍दुल्‍ला पायलट ने कहा, 'हम इस बात से आशान्वित हैं, क्‍योंकि यह बंदी प्रत्यक्षीकरण का मामला है, इसलिए जल्द ही राहत मिलेगी। हमें देश की न्याय प्रणाली पर पूरा भरोसा है। हम यहां हैं, क्योंकि हम चाहते हैं कि सभी कश्मीरियों को भारत के सभी नागरिकों के समान अधिकार होना चाहिए। अब हम उस दिन की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जब सबको समान अधिकारी होगा।'

बता दें कि बुधवार को जब यह मामला तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष पेश हुआ था। हालांकि, तब जस्टिस एमएम शांतनगौदर ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया था। पीठ में जस्टिस एनवी रमना और जस्टिस संजीव खन्ना भी शामिल थे। सारा ने 10 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए अपने भाई एवं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर को जेके-पीएसए-1978 के तहत हिरासत में लिए जाने को गैरकानूनी बताया था। साथ ही कोर्ट को इस मामले में दखल कर न्‍याय करने की अपील की थी। याचिका में कहा गया है कि उमर किसी भी हाल में शासन के लिए खतरा नहीं हो सकते हैं।

सारा द्वारा दायर याचिका में पांच फरवरी को जारी जेके-पीएसए के तहत उमर की गिरफ्तारी संबंधी आदेश को रद करने की भी मांग की है। फिलहाल नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता महबूबा मुफ्ती पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस कानून के तहत 6 महीने 2 साल तक शख्‍स को हिरासत में रखा जा सकता है। पीएसए को राज्य में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. शेख मोहम्मद अब्दुल्ला ने साल 1978 में लागू किया था।


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