तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस हाईकमान के जंबो कमेटी बनाने के फैसले पर कार्ति ने उठाए सवाल, कही यह बात
कांग्रेस में असंतोष के सुर उभरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब पूर्व वित्तमंत्री और दिग्गज कांग्रेस नेता पी.चिदंबरम के बेटे कार्ति ने तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के लिए प्रदेश कांग्रेस की इकाई बनाने के हाईकमान के फैसले पर सवाल उठाया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। कांग्रेस में असंतोष के सुर उभरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस कड़ी में ताजा नाम लोकसभा सांसद कार्ति चिदंबरम का है। पूर्व वित्तमंत्री और दिग्गज कांग्रेस नेता पी.चिदंबरम के बेटे कार्ति ने तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के लिए प्रदेश कांग्रेस की भारी भरकम इकाई बनाने के हाईकमान के फैसले पर सवाल उठाया है। कार्ति ने प्रदेश कार्यकारिणी में नेताओं की भरमार पर सवाल उठाते हुए साफ कहा है कि चुनाव से पहले इस तरह के प्रयोग से पार्टी का भला नहीं होगा।
सोनिया ने दी थी सूची को मंजूरी
तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव मई महीने में होने हैं। इसके मद्देनजर ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को प्रदेश इकाई के पदाधिकारियों और कार्यकारिणी की लंबी-चौड़ी सूची को मंजूरी दी। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी इस सूची में तमिलनाडु कांग्रेस इकाई के लिए 32 उपाध्यक्ष, 57 महासचिव के साथ 104 सचिव बनाए गए हैं। साथ ही चुनाव से जुड़ी करीब दर्जन भर समितियां भी गठित की गई हैं।
कार्ति बोले, कोई मकसद हल नहीं होगा
कार्यकारिणी में 56 सदस्यों के साथ पार्टी के विभिन्न पदों पर रहे 32 पूर्व पदेन सदस्य और 200 से अधिक दूसरे नेता हैं। कार्ति चिदंबरम ने वेणुगोपाल की ओर से सूची जारी होने के तत्काल बाद ट्वीट करते हुए कहा कि इन जंबो कमेटियों से कोई मकसद हल नहीं होगा। इतनी बड़ी सूची का मतलब होगा कि किसी के पास सक्षम अधिकार नहीं होगा। इसका अर्थ यह भी होगा कि किसी की जवाबदेही भी नहीं होगी।
लगातार सवाल उठा रहे हैं कार्ति
कार्ति चिदंबरम, पार्टी के उन नेताओं में शामिल हैं जो हाल के दौर में कांग्रेस की अंदरूनी चुनौतियों पर मुखर सवाल उठा रहे हैं। दिलचस्प यह भी है कि उनके पिता पी. चिदंबरम कांग्रेस में जारी मौजूदा अंदरूनी घमासान में कांग्रेस हाईकमान और असंतुष्ट नेताओं के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे हैं।
चिदंबरम ने संगठन चुनाव कराने पर दिया था जोर
असंतुष्ट नेताओं की सोनिया गांधी के साथ बीते 19 दिसंबर को हुई बैठक में चिदंबरम ने मध्यस्थ की भूमिका निभाते हुए भी ब्लॉक, जिला से लेकर प्रदेश स्तर के संगठन चुनाव कराने की जमकर वकालत की थी। इतना ही नहीं पी चिदंबरम ने कांग्रेस में करीब दो दशक से ठंडे बस्ते में पड़े संसदीय बोर्ड के ढांचे को भी फिर से खड़ा करने की पैरोकारी की थी।