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कर्नाटक: विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी को कर्नाटक विधानसभा का स्पीकर चुना गया

विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी को कर्नाटक विधानसभा का स्पीकर चुना गया है। बीएस येदियुरप्पा के विश्वासमत हासिल करने के ठीक बाद स्पीकर केआर रमेश कुमार ने इस्तीफा दे दिया था।

By Tilak RajEdited By: Published: Wed, 31 Jul 2019 12:01 PM (IST)Updated: Wed, 31 Jul 2019 12:08 PM (IST)
कर्नाटक: विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी को कर्नाटक विधानसभा का स्पीकर चुना गया
कर्नाटक: विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी को कर्नाटक विधानसभा का स्पीकर चुना गया

बेंगलुरु, एएनआइ। कर्नाटक में राजनीतिक उथल-पुथल अब थमती नजर आ रही है। विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी को कर्नाटक विधानसभा का स्पीकर चुना गया है। इससे पहले कर्नाटक विधानसभा में मुख्‍यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के विश्वासमत हासिल करने के ठीक बाद स्पीकर केआर रमेश कुमार ने इस्तीफा दे दिया था। रमेश कुमार 14 महीनों तक पद पर रहे। इस्तीफा देने के बाद रमेश कुमार ने सदन में कहा कि वह व्यक्तिगत कारणों से विधानसभा अध्यक्ष के सम्मानित पद से इस्तीफा दे रहे हैं।

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राज्य में पखवाड़े भर चला ड्रामा बड़ा डरावना था जिसमें कांग्रेस और जद-एस ने बागियों को वापस अपने पाले में लाने के लिए हर तिकड़म आजमाई। यहां तक कि विधायकों को मुंबई में पुलिस शिकायत दर्ज करानी पड़ी। कर्नाटक कांग्र्रेस के कद्दावर नेता डीके शिवकुमार ने उस होटल में घुसने की नाकाम कोशिश भी की जहां बागी विधायक रुके हुए थे। सदस्यों के इस्तीफों को लेकर कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर का रवैया राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू के दृष्टिकोण से उलट रहा। नायडू को सपा के राज्यसभा सांसद नीरज शेखर का त्यागपत्र 15 जुलाई को मिला। उसके अगले दिन ही नायडू ने राज्यसभा को सूचित किया कि उन्होंने शेखर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।

यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था कि राज्य की जनता ने 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में किसी भी दल या चुनावपूर्व गठबंधन को स्पष्ट जनादेश नहीं दिया। अंतिम परिणामों में भाजपा 104 सीटों के साथ बहुमत के जादुई आंकड़े से चंद कदम दूर रह गई। राज्य में सबसे कम 37 सीटें हासिल करने वाली जद-एस को राज्य की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के 78 विधायकों की मदद से मुख्यमंत्री की कुर्सी मिल गई। इससे पहले 2008 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा 224 सदस्यीय विधानसभा में 110 सीटें जीत पाई थी। तब येदियुरप्पा ने कुछ निर्दलीय विधायकों को मिलाकर सरकार बना ली और बाद में उसका तोड़ निकाला।

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