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COVID-19: कर्नाटक में 1,610 करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान, नाई व ड्राइवर को दिए जाएंगे 5-5 हजार

कर्नाटक सरकार ने कोविड-19 के कारण जारी लॉकडाउन में फंसे लोगों के लिए राहत पैकेज का ऐलान किया।

By Monika MinalEdited By: Published: Wed, 06 May 2020 12:17 PM (IST)Updated: Wed, 06 May 2020 02:40 PM (IST)
COVID-19: कर्नाटक में 1,610 करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान, नाई व ड्राइवर को दिए जाएंगे 5-5 हजार
COVID-19: कर्नाटक में 1,610 करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान, नाई व ड्राइवर को दिए जाएंगे 5-5 हजार

बेंगलुरु, प्रेट्र। कर्नाटक  (Karnataka) सरकार ने महामारी के कारण जारी लॉकडाउन में फंसे लोगों की सुध लेते हुए बुधवार को राहत पैकेज का ऐलान किया।  इस पैकेज में 1,610 करोड़ रुपये देने की बात कही गई है। इसके अलावा, राज्‍य मुख्‍यमंत्री येदियुरप्‍पा ने यहां के नाई, ड्राइवर व माली के लिए भी धनराशि दिए जाने की बात कही जिन्‍हें लॉकडाउन के कारण नुकसान हुआ है।  स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के अनुसार, बुधवार तक कर्नाटक में संक्रमण के कुल मामले 671 हो गए जिसमें से 331 लोग स्‍वस्‍थ हो चुके हैं वहीं 29 लोगों की मौत हो गयी।

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कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री येदियुरप्पा ने राज्य के ड्राइवर और नाई समुदाय के लिए पांच-पांच हजार रुपये देने का ऐलान किया है। बता दें कि पूरे राज्य में करीब 7,75,000 ड्राइवर और 2,30,000 नाई हैं जिन्‍हें इस राहत पैकेज का लाभ मिलेगा।  मुख्‍यमंत्री ने आगे बताया कि हमारी सरकार ने लगभग एक लाख लोगों को 3500 बसों और ट्रेनों से उनके घर वापस भेजा है। उन्होंने कहा, 'मैंने प्रवासी मजदूरों से कर्नाटक में ही रुकने की अपील की है क्योंकि निर्माण कार्य अब फिर से शुरू हो गया है।'

कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्‍यमंत्रियों ने बुधवार को केंद्र से वित्‍तीय मदद की अपील की। कांग्रेस की अंतरिम अध्‍यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में हुई बैठक के दौरान राजस्‍थान व छत्‍तीसगढ़ की ओर से कोविड-19 के कारण हुए आर्थिक नुकसान के लिए वित्‍तीय सहायता की मांग की। राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने कहा कि इस महामारी के कारण करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है इसलिए राज्‍यों को पैकेज की सख्‍त जरूरत है वहीं छत्‍तीसगढ़ के मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने कहा कि केंद्र से उन्‍हें तत्‍काल वित्‍तीय सहायता चाहिए। 

इस बीच देश के मुख्‍य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी सुब्रमण्यन ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण मौजूदा हालात में दूसरे देशों की देखादेखी सरकार से समर्थन की मांग भारत में नहीं की जानी चाहिए, क्योंकि इसकी लागत काफी अधिक है और इससे राजकोषीय स्थिति प्रभावित होगी। 


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