Karnataka Politics: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी. बोम्मई ने कहा, पीएम मोदी ने बनाया भारत को मजबूत, नेहरू से नहीं हो सकती तुलना
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शनिवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तुलना नहीं की जा सकती। उन्होंने देश की एकता और अखंडता से जुड़े मुद्दों पर कड़े कदम उठाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा की।
बेंगलुरु, प्रेट्र। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शनिवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तुलना नहीं की जा सकती। उन्होंने देश की एकता और अखंडता से जुड़े मुद्दों पर कड़े कदम उठाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा की। गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम में बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा था कि मोदी और नेहरू की तुलना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा था, नेहरू कहां हैं, मोदी कहां हैं। यह जमीन और आसमान की तुलना करने जैसा है।
मोदी से नेहरू की तुलना नहीं हो सकती
सिद्धरमैया के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए बोम्मई ने शनिवार को कहा, स्वाभाविक तौर पर मोदी से नेहरू की तुलना नहीं हो सकती, क्योंकि वर्ष 1962 में जब चीन ने भारत पर आक्रमण किया तो नेहरू ने सख्त और उचित कदम नहीं उठाए। सरहदी इलाकों को चीन को दे दिया। वहीं सरहद पर हाल ही में हुए झड़पों के दौरान नरेन्द्र मोदी ने मजबूती के साथ चीन को माकूल जवाब दिया और सरहदी क्षेत्रों को बचाया।
पाकिस्तान के साथ कोई समझौता नहीं किया
इसके अलावा, उन्होंने (मोदी ने) पाकिस्तान के साथ कोई समझौता नहीं किया है। उन्होंने भारत की एकता और अखंडता के लिए काम किया है, ऐसे कई उदाहरण हैं। उन्होंने मोदी ने भारत को मजबूत बनाया, इसलिए कोई तुलना नहीं हो सकती। आरएसएस के खिलाफ कांग्रेस विधायक दल के नेता की टिप्पणियों पर एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा, मैं सिर्फ यह पूछना चाहता हूं कि सिद्धारमैया कहां से आए हैं। वह द्रविड़ हैं या आर्य। उन्हें पहले यह बताने दें।
दरअसल, सिद्धारमैया ने शुक्रवार को पूछा था, 'क्या आरएसएस के लोग भारत के मूल निवासी हैं? क्या आर्य इस देश के मूल निवासी हैं? यह द्रविड़ हैं जो मूल रूप से इस देश के हैं। मुगलों के 600 साल के शासन के लिए कौन जिम्मेदार है? यदि भारतीय एकजुट रहे, तो क्या उनके लिए हम पर शासन करना संभव था?'
सिद्धारमैया ने ये भी कहा कि हिजाब पर विवाद करने की जरूरत नहीं है। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था। सभी को कोर्ट के आदेश का पालन करना चाहिए, 99.9 फीसदी छात्र कोर्ट के आदेश का पालन कर रहे हैं।