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Karnataka Cabinet Expansion: कर्नाटक मंत्रिमंडल का हुआ विस्तार, सात नए मंत्रियों ने ली शपथ

Karnataka Cabinet Expansion कर्नाटक में आज मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया है। उमेश कट्टी अरविंद लिंबावली और मुरुगेश निरानी समेत सात नए सदस्यों ने कर्नाटक में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली है। इस दौरान सीएम येदियुरप्पा भी मौजूद रहे।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 09:31 AM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 04:28 PM (IST)
Karnataka Cabinet Expansion: कर्नाटक मंत्रिमंडल का हुआ विस्तार, सात नए मंत्रियों ने ली शपथ
कर्नाटक में हुआ बहुप्रतीक्षित कैबिनेट विस्तार। (फोटो: एएनआइ)

बेंगलुरु, एजेंसियां। Karnataka Cabinet Expansion, कर्नाटक में आज बहुंप्रतीक्षित मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ है। मंत्रिमंडल विस्तार में सबसे पहले उमेश कट्टी, अरविंद लिंबावली और मुरुगेश निरानी ने कर्नाटक के कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली है। नए मंत्रिमंडल में सात नए सदस्यों को शामिल किया गया है। नए कैबिनेट मंत्रियों के शपथ ग्रहण के दौरान मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा मौजूद रहे।

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आज कुल सात नए सदस्यों एमटीबी नागराज, उमेश कट्टी, अरविंद लिम्बावली, मुरुगेश निरानी, आर शंकर, सीपी योगीश्वर, अंगारा एस को बीएस येदियुरप्पा कैबिनेट में शामिल किया गया है।

ये 7 बने मंत्री 

कर्नाटक कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत 27 मंत्री हैं। मंत्रिमंडल में 7 सदस्यों की जगह खाली थी। जो लोग मंत्री बने हैं उनमें एमटीबी नागराज, उमेश कट्टी, अरविंद लिम्बावली, मुरुगेश निरानी, आर शंकर, सीपी योगीश्वर, अंगारा एस का नाम शामिल है। इसके अलावा कई और लोगों को मंत्री बनाया जा रहा है।

कैबिनेट विस्तार से पहले मचा पार्टी में बवाल !

कर्नाटक में कैबिनेट विस्तार को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में बवाल हो गया है। भाजपा के कुछ विधायकों ने खुली बगावत कर दी है। पार्टी के विधायक बसनगौड़ा यतनाल ने मुख्यमंत्री येदियुरप्पा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि येदियुरप्पा को राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए। जो भी ब्लैकमेल करता है या पैसा देता है उसे मंत्री बना दिया जाता है, इसके लिए कोटा है।

कर्नाटक में मुख्यमंत्री येदियुरप्पा लंबे समय से मंत्रिमंडल का विस्तार करना चाहते हैं। भाजपा अध्यक्ष ने 18 नवंबर को नई दिल्ली में उनसे मुलाकात के दौरान इसके लिए केन्द्रीय नेतृत्व की मंजूरी का इंतजार करने को कहा था। मंत्रिमंडल विस्तार/ फेरबदल एक मुश्किल भरी कवायद होने की संभावना है, क्योंकि पार्टी के पुराने नेताओं के साथ-साथ कांग्रेस और जनता दल (सेकुलर) से आये नेता मंत्रिपरिषद में जगह पाने की आस में हैं। इन दो विपक्षी दलों से बगावत कर आये नेताओं की वजह से ही भाजपा की सरकार बन पायी थी।


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