कर्नाटक के सीएम बीएस येदियुरप्पा को बदलने की उड़ी अफवाह, भाजपा ने किया खंडन
रिपोर्ट में कहा गया कि 75 वर्ष की आयु पार करने वाले वरिष्ठ नेताओं को सम्मानजनक विदाई देने की भाजपा की नीति को देखते हुए लिंगायत समाज के शक्तिशाली नेता को राज्यपाल और उनके छोटे बेटे बी वाई विजयेंद्र जो अब राज्य भाजपा उपाध्यक्ष हैं को महत्वपूर्ण पद दिया जाएगा।
बेंगलुरु, प्रेट्र। पिछले दिनों कर्नाटक में सीएम बीएस येदियुरप्पा को बदलने की खबर उड़ी थी। भाजपा ने मंगलवार को इसे आधारहीन और भ्रामक रिपोर्ट करार दिया। राज्य भाजपा के प्रवक्ता कैप्टन गणेश कार्णिक ने कहा कि कुछ टीवी चैनलों ने बार-बार सूचना दी है कि मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के नेतृत्व में बदलाव होने जा रहा है। भाजपा इस रिपोर्ट का दृढ़ता से खंडन करती है। उन्होंने आधिकारिक बयान में इसे स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि हम स्पष्ट रूप से बताते हैं कि ऐसी रिपोर्टें पूरी तरह से निराधार, भ्रामक और सच्चाई से दूर हैं। इसे लेकर केवल कयास लगाए जा रहे हैं। येदियुरप्पा की उम्र के कारण भविष्य में नेतृत्व में संभावित बदलाव की अटकलों को बल मिला है।
भाजपा की 75 पार के नेताओं की सम्मानजनक विदाई की नीति
77 वर्षीय बीएस येदियुरप्पा ने हाल की नई दिल्ली यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की थी। ऐसी खबरें थीं कि बिहार विधानसभा चुनाव के बाद या उसके बाद मार्च 2021 में बजट पेश करने के बाद येदियुरप्पा को बदल दिया जाए। रिपोर्ट में कहा गया कि 75 वर्ष की आयु पार करने वाले वरिष्ठ नेताओं को सम्मानजनक विदाई देने की भाजपा की नीति को देखते हुए लिंगायत समाज के इस शक्तिशाली नेता को राज्यपाल और येदियुरप्पा के छोटे बेटे बी वाई विजयेंद्र, जो अब राज्य भाजपा उपाध्यक्ष हैं को एक महत्वपूर्ण पद दिया जाएगा। पार्टी इस पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री पद के लिए राज्य के भाजपा अध्यक्ष नलिन कुमार काटेल, मंत्री आर अशोक और अन्य लोगों के नाम उछाले गए।
कई विधायकों के नाराज होने की खबर को किया खारिज
हालांकि भाजपा ने ऐसी खबरों को खारिज कर दिया है। ऐसी अफवाहें थीं कि विशेष रूप से उत्तर कर्नाटक क्षेत्र के कई लिंगायत विधायक मुख्यमंत्री से नाखुश थे और एक के पीछे एक रैली कर रहे थे। ये लिंगायत समुदाय के नेता अपने क्षेत्र से संबंध रखते हैं। येदियुरप्पा ने सोमवार को कहा था कि उन्हें हाईकमान का निर्देश का इंतजार है और उनके मंत्रिमंडल का विस्तार बहुप्रतीक्षित है। कर्नाटक की कैबिनेट में वर्तमान में 28 सदस्य हैं और छह जगह अभी भी खाली हैं।