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Kargil Vijay Diwas Function: जब इस शहीद की कहानी सुन पीएम मोदी नहीं रोक सके आंसू

कारगिल विजय दिवस के 20 साल पूरा होने पर आयोजित कार्यक्रम में एक पल ऐसा भी आया जब पीएम मोदी भावुक हो गए और अपने आंसू नहीं रोक सके।

By TaniskEdited By: Published: Sat, 27 Jul 2019 10:42 PM (IST)Updated: Sun, 28 Jul 2019 07:19 AM (IST)
Kargil Vijay Diwas Function:  जब इस शहीद की कहानी सुन पीएम मोदी नहीं रोक सके आंसू
Kargil Vijay Diwas Function: जब इस शहीद की कहानी सुन पीएम मोदी नहीं रोक सके आंसू

नई दिल्ली, एजेंसी। कारगिल विजय दिवस के 20 साल पूरा होने पर दिल्ली के इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम (IGI Stadium) में शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में एक पल ऐसा भी आया जब पीएम मोदी भावुक हो गए और अपनी आंखों में आंसू नहीं रोक सके। दरअसल, कारगिल युद्ध में शहीद हुए एक जवान की आखिरी चिट्ठी को पढ़ते हुए एक डांस ग्रुप ने प्रस्‍तुति दी थी। इस प्रस्‍तुति के बाद पीएम मोदी की आंखें नम हो गईं।   

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डांस ग्रुप ने अपने इस परफॉर्मेंस के आखिर में दिखाया कि शहीद ने अपनी पत्नी से बेटे को भी भारतीय सेना में भेजने का वादा किया था। उनकी पत्नी ने वादा पूरा करते हुए बेटे को देश की सेवा के लिए सीमा पर भेजने में रत्ती भर भी संकोच नहीं किया। इस प्रस्‍तुति के खत्म होने के बाद शहीद की पत्नी और भारतीय सेना में जवान उनका बेटा मंच पर आए। इसे देखकर पीएम मोदी भावुक हो गए और उनकी आंखों में आंसू आ गए।

डांस ग्रुप द्वारा दी गई यह प्रस्‍तुति कारगिल युद्ध में शहीद हुए लांस नायक बचन सिंह की चिट्ठी पर दी गई थी। शहीद बचन सिंह का बेटा लेफ्टिनेंट हितेश अपनी मां कामेश बाला के साथ मौजूद रहे। हितेश भी उसी बटालियन को सेवा दे रहे हैं, जिसे युद्ध के दौरान उनके पिता ने सेवा दी थी।   

कुमार केवल छह साल के थे, जब उनके पिता युद्ध लड़ते हुए मर गए। उनका सपना अपने पिता की तरह बनना और सेना में शामिल होकर अपने राष्ट्र की सेवा करना था। 9 जून, 2018 को, उनके पिता के निधन के ठीक 19 साल बाद वे सेना में लेफ्टिनेंट बनकर शामिल हो गए।

इस कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ-साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सेना प्रमुख बिपिन रावत समेत कई लोगों ने हिस्सा लिया। इसके अलावा कार्यक्रम में कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हुए जवानों के परिवारों ने भी शिरकत की। 

गौरलब है कि साल 1999 में पाकिस्तान ने  इस कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ-साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सेना प्रमुख बिपिन रावत समेत कई लोगों ने हिस्सा लिया।

20 साल पहले 26 जुलाई 1999 को भारत ने कारगिल युद्ध में विजय हासिल की थी। इस दिन को हर वर्ष विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। करीब दो महीने तक चला यह युद्ध भारतीय सेना के साहस और जांबाजी का ऐसा उदाहरण है। करीब 18 हजार फीट की ऊंचाई पर कारगिल में लड़ी गई इस जंग में देश ने 527 से ज्यादा वीर योद्धाओं को खोया था, वहीं 1300 से ज्यादा घायल हुए थे। 

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