कांग्रेस में कलह, जितिन प्रसाद के बहाने कपिल सिब्बल ने पार्टी पर फिर साधा निशाना
कांग्रेस पार्टी के भीतर अंदरुनी कलह धीरे-धीरे खुलकर सामने आ रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने जितिन प्रसाद के बहाने पार्टी पर निशाना साधा है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। कांग्रेस पार्टी के भीतर अंदरुनी कलह धीरे-धीरे खुलकर सामने आ रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने जितिन प्रसाद के बहाने पार्टी पर निशाना साधा है। उन्होंने उत्तर प्रदेश कांग्रेस द्वारा जितिन प्रसाद पर निशाना साधने की आलोचना की और इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
सिब्बल ने इसे लेकर ट्वीट किया कि जितिन प्रसाद को आधिकारिक तौर पर निशाना बनाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। कांग्रेस को अपनी ही पार्टी के नेताओं पर निशाना साधने में शक्ति खर्च करने के बजाय भाजपा पर सर्जिकल स्ट्राइक करने की जरुरत है। पत्र लिखने वाले नेताओं में शामिल मनीष तिवारी ने सिब्बल के ट्वीट पर 'प्रेसिएंट' (भविष्य ज्ञानी) शब्द लिखा। गौरतलब है कि जितिन प्रसाद उन 23 नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने नेतृत्व परिवर्तन के लिए सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी।
जानें- क्या है मामला
बता दें कि बुधवार को यूपी के लखीमपुर खीरी में जितिन प्रसाद के खिलाफ कांग्रेसियों ने विरोध प्रदर्शन किया था। लखीमपुर खीरी जिला कांग्रेस कमेटी ने जितिन प्रसाद पर पार्टी विरोधी गतिविधियों मे शामिल होने का आरोप लगाते हुए मांग की कि उन्हें पार्टी से निकाल दिया जाए। इस बैठक में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिला और नगर अध्यक्ष की मौजूदगी में मुर्दाबाद के नारे भी लगाए।
सोनिया को लेटर भेजने वालों मे जितिन भी थे
हाल ही में कांग्रेस के कुछ नेताओं ने सोनिया गांधी को लेटर लिखकर संगठन में बदलाव की मांग की थी। इन नेताओं में जितिन प्रसाद का भी नाम शामिल है। सोमवार को कांग्रेस कार्यकारिणी (CWC) की बैठक में राहुल गांधी ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वाले नेताओं के खिलाफ तल्ख टिप्पणी की थी और इसे बीजेपी की साजिश तक बता दिया था।
राहुल गांधी ने लगाया था भाजपा से मिलीभगत का आरोप
राहुल ने इस लेटर की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए पूछा, 'सोनिया गांधी के अस्पताल में भर्ती होने के समय ही पार्टी नेतृत्व को लेकर पत्र क्यों भेजा गया था?' उन्होंने कहा कि 'पार्टी नेतृत्व के बारे में सोनिया गांधी को पत्र उस समय लिखा गया था जब राजस्थान में कांग्रेस सरकार संकट का सामना कर रही थी। पत्र में जो लिखा गया था उस पर चर्चा करने का सही स्थान सीडब्ल्यूसी की बैठक है, मीडिया नहीं।' उन्होंने आरोप लगाया कि यह पत्र भाजपा के साथ मिलीभगत में लिखा गया।