लालू से मिलकर कांति सिंह बोलीं, नीतीश के चहेते प्रशांत किशोर को राजद में आने का खुला ऑफर
Lalu Prasad Yadav राजधानी रांची के रिम्स में शनिवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से कांति सिंह और राजद महासचिव कमरे आलम ने मुलाकात की।
रांची, जेएनएन। चारा घोटाले के चार मामलों के सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से पूर्व मंत्री कांति सिंह ने मुलाकात की। रांची के रिम्स के पेइंग वार्ड में अपनी गंभीर बीमारियों का इलाज करा रहे लालू से राजद के महासचिव कमरे आलम ने कुशलक्षेम पूछा। शनिवार को लालू से मुलकातियों का दिन होता है। लालू से मुलाकात करने पहले मुलाकाती के रूप में राजद के राष्ट्रीय महासचिव कमरे आलम पहुंचे। इधर, लालू प्रसाद से पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति सिंह ने मुलाकात कर ली है। लालू से करीब 45 मिनट की मुलाकात के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति सिंह ने लालू प्रसाद के स्वास्थ पर चिंता जाहिर की।
लालू से मिलने के बाद पूर्व मंत्री कांति सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चहेते प्रशांत किशोर और जदयू के ताजा विवाद के सवाल पर कहा कि एनआरसी और कैब में प्रशांत किशोर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जनता की भावनाओं से अवगत करा रहे थे, लेकिन नीतीश कुमार को जनता की भावनाओं का कोई ख्याल नहीं है। पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति सिंह ने कहा कि अगर प्रशांत किशोर राजद में आना चाहें तो पार्टी में उनका स्वागत है। हालांकि, लालू प्रसाद यादव से हुई किसी राजनीतिक बातचीत के सवाल पर कांति सिंह ने कहा कि राजद सुप्रीमो से राजनीतिक बातचीत नहीं के बराबर हुई।
इस दौरान कांति सिंह केंद्र की मोदी सरकार और बिहार की नीतीश कुमार की सरकार पर हमला करने से नहीं चूकीं। उन्होंने नागरिकता संशोधन विधेयक और एनआरसी पर केंद्र और नीतीश सरकार को घेरते हुए उनकी जमकर आलोचना की। बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांति सिंह ने कहा कि जनता इसका माकूल जवाब देगी। उन्होंने कहा कि झारखंड में चुनाव हो रहा है इसमें भी जनता कैब और एनआरसी पर अपना करारा जवाब देगी।
बता दें कि लालू की तबीयत में फिर से उतार-चढ़ाव जारी है। बीते दिनों उनका इंसुलिन भी बढ़ गया था। डॉक्टर ने खानपान में विशेष ध्यान देने की सलाह दी है। वहीं, अभी कुछ दिन पहले ही चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव की चारा घोटाले से जुड़े दुमका कोषागार के मामले में जमानत याचिका को झारखंड हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था। कोर्ट ने उनकी आधी सजा इस मामले में अभी पूरे नहीं होने को आधार बनाते हुए जमानत याचिका को खारिज किया था। दुमका कोषागार मामले में लालू प्रसाद यादव को सीबीआइ की विशेष अदालत से 7 साल की सजा मिली है।
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