MP By Election: कमल नाथ ने सरकारी अधिकारियों को दी चेतावनी, निष्पक्ष करें काम
बैठक में कमल नाथ ने कहा कि यह उपचुनाव नहीं बल्कि यह प्रदेश के भविष्य का चुनाव है। इससे चुनी हुई सरकार को गिराने वाले लोगों को जवाब देना होगा।
भोपाल, राज्य ब्यूरो। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने सरकारी अधिकारियों को चेतावनी दी है कि भाजपा सरकार के इशारे पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित नहीं करें। समय बदलता रहता है। वे निष्पक्ष काम करें। पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ के बंगले पर शुक्रवार शाम को पार्टी विधायकों, उपचुनाव वाले जिलों के जिला अध्यक्षों और वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई। कोरोना लॉकडाउन के दौरान विधानसभा क्षेत्रवार संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने के लिए कमल नाथ द्वारा ली गई बैठकों में विधायकों-पूर्व मंत्रियों को जिन-जिन विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी गई थी, उनके जिला अध्यक्षों का आमना-सामना कराया गया। विधायकों-पूर्व मंत्रियों से उनके प्रभार वाले विधानसभा क्षेत्रों को लेकर उनकी संतुष्टि के बारे में पूछा गया और जिन्होंने अपने प्रभार वाले विधानसभा क्षेत्र में बदलाव की मांग की, उन्हें कुछ दिन काम करने को कहा गया।
बैठक में कमल नाथ ने कहा कि यह उपचुनाव नहीं बल्कि यह प्रदेश के भविष्य का चुनाव है। इससे चुनी हुई सरकार को गिराने वाले लोगों को जवाब देना होगा। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने कांग्रेस की रणनीति तथा उप चुनाव को लेकर संगठन स्तर पर की गई तैयारियों से प्रभारियों को अवगत कराया। पूर्व मुख्यंत्री दिग्विजय सिंह ने भी बैठक को संबोधित किया और राज्यसभा चुनाव में उन पर विश्वास करने के लिए आभार माना।
बैठक में मध्य प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेता रहे मौजूद
बैठक का संचालन पीसीसी के संगठन प्रभारी उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाषष शेखर ने किया। इसमें पीसीसी के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, अरण यादव, कांतिलाल भूरिया, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह सहित कई नेता शामिल हुए। विधायकों को सौंपी जिम्मेदारी कांग्रेस ने रास चुनाव निपटने के बाद विधानसभा उपचुनाव के लिए विधायकों को जिम्मेदारियां सौंपकर क्षेत्रों में भेज दिया है। विधानसभा क्षेत्रों के प्रभारियों का जिला अध्यक्षों के साथ परिचय कराने के बाद शुक्रवार को सभी को उपचुनाव में संगठन की बैठकें लेने और निचले स्तर तक कार्यकर्ताओं को मतदान केंद्रों की जिम्मेदारी देने के निर्देशों के साथ अगले एक-दो दिन में पहुंचने को कहा गया है। प्रभारियों को स्पष्ट रूप से पूछा गया कि अगर उन्हें कोई दिक्कत हो तो बता दें अन्यथा धोखे में न रखें।