मध्य प्रदेश में कोरोना संकट पर गरमाई सियासत, कमल नाथ ने लगाए गंभीर आरोप, सीएम शिवराज ने दिया ये जवाब
मध्य प्रदेश में कोरोना संकट के मसले पर सियासत तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने व्यवस्थाओं के पटरी पर लौटने की बात कही है।
भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश में कोरोना संकट के मसले पर सियासत तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने व्यवस्थाओं के दुरुस्त होने की बात कही है। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक मध्य प्रदेश सरकार सूबे के जिलों में एयरक्रॉफ्ट से रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति करा रही है।
कमलनाथ ने गुरुवार को कहा, 'मुझे दुख है कि मध्य प्रदेश में कोरोना के इतनी गंभीर स्थिति उत्पन्न हुई है लेकिन इसकी कोई प्लानिंग नहीं थी, आज न दवाई है, न ऑक्सीशन, न बेड हैं। ये लोग जनता को केवल गुमराह कर रहे हैं। इन्होंने निजी टेस्टिंग रोक दी है। मौजूदा वक्त में लगभग 10-20 फीसद टेस्टिंग हो रही है।'
वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'रेमडेसिविर इंजेक्शन की सप्लाई के लिए प्रयास लगातार जारी हैं। कल शाम को 10,000 इंजेक्शन आए हैं। उन्हें अलग-अलग स्थानों पर भेजा जा रहा है। निजी अस्पताल खुद अपने स्रोतों से इंजेक्शन मंगाए ये कहा गया है। 50 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन की सप्लाई का आदेश दिया गया है।'
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा- मैं केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का धन्यवाद करता हूं। हमने मध्य प्रदेश को ऑक्सीजन की आपूर्ति करने के लिए उनसे आग्रह किया था। मध्य प्रदेश को करीब 450 मीट्रिक टन ऑक्सीजन देने पर सहमति दी गई है।
वहींं दूसरी ओर कोरोना संक्रमितों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली रेमडेसिविर की शीशियां मध्यप्रदेश पहुंचीं हैं। यह मदद ऐसे वक्त में पहुंची है जब राज्य में इस दवा की भारी किल्लत है और मरीजों के परिजन इसकी कालाबाजारी की शिकायतें कर रहे थे। इन्हें सरकारी विमान और हेलिकॉप्टरों के जरिए राज्य के अलग-अलग हिस्सों में भेजा गया है।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति की जानकारी ली। इसमें प्रदेश के अधिकारियों ने बताया कि 44 जिलों में बीते 30 दिन में 79 फीसद संक्रमण बढ़ा है। शहरी क्षेत्रों में हालात ज्यादा खराब हैं। इस पर केंद्र सरकार ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार अस्पताल प्रोटोकॉल लागू करे। प्रदेश में जांच (टेस्ट), निगरानी (ट्रैक), इलाज (ट्रीट), कोरोना गाइडलाइन का पालन और टीकाकरण के लिए तेजी से काम किया जाए।