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कमल नाथ ने की चावल घोटाले की सीबीआइ जांच की मांग, कहा- इसमें ऊपर तक जुड़े हैं तार

पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि प्रदेश में चावल घोटाला सिर्फ बालाघाट और मंडला जिले तक ही सीमित नहीं है। यह कई जिलों तक फैला है। इसके तार ऊपर तक जुड़े हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sat, 05 Sep 2020 08:12 PM (IST)Updated: Sat, 05 Sep 2020 08:43 PM (IST)
कमल नाथ ने की चावल घोटाले की सीबीआइ जांच की मांग, कहा- इसमें ऊपर तक जुड़े हैं तार
कमल नाथ ने की चावल घोटाले की सीबीआइ जांच की मांग, कहा- इसमें ऊपर तक जुड़े हैं तार

भोपाल, राज्य ब्यूरो। युवाओं पर लाठी चार्ज से लेकर चावल घोटाले समेत कई मुद्दों पर पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने शनिवार को शिवराज सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने चावल घोटाले की सीबीआइ जांच की मांग की और कहा कि जांच का दायरा दो जिलों से आगे बढ़ाया जाए। पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि प्रदेश में चावल घोटाला सिर्फ बालाघाट और मंडला जिले तक ही सीमित नहीं है। यह कई जिलों तक फैला है। इसके तार ऊपर तक जुड़े हैं। सिर्फ दो जिलों तक ही इसकी जांच को सीमित कर घोटाले को दबाया जा रहा है। जब शिवराज सरकार पांच हजार मीट्रिक टन चावल खराब होने पर मुकदमा दर्ज कर सकती है तो पूरे प्रदेश में 73 हजार मीट्रिक टन खराब चावल की रिपोर्ट आने के बाद एफआइआर क्यों दर्ज नहीं हो रही है।

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शिवराज सरकार में हक के लिए आवाज उठाना जुर्म

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि शिवराज सरकार में अपने हक के लिए आवाज उठाना और मांग करना जुर्म है। अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों के सीने पर गोलियां दागने वाली शिवराज सरकार ने एक दिन पूर्व मंडी कर्मियों पर बर्बर लाठीचार्ज किया। अब पुलिस भर्ती की शांतिपूर्ण ढंग से मांग कर रहे बेरोजगार युवाओं के साथ किया गया लाठीचार्ज उनकी असलियत को उजागर करता है। युवाओं की गिरफ्तारी से साबित हो रहा है कि प्रदेश में एक बार फिर तानाशाही और हिटलरशाही वाली सरकार लौट आई है।

निजी स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों की सुध ले सरकार

पूर्व मुख्यमंत्री ने शिक्षक दिवस की बधाई देते हुए शिक्षकों से आह्वान किया कि वे बच्चों को ज्ञान प्राा करने के लिए प्रेरित करें। सरकार से अपेक्षा की है कि निजी स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों की भी सुध लें। ये शिक्षक कोरोना महामारी में लॉकडाउन और अभी तक स्कूल न खुलने के कारण संकट में हैं। शिक्षकों के नाम जारी संदेश में कमल नाथ ने शिक्षक महापुरषों की याद दिलाई।

इन दिनों 13 हजार सरकारी स्कूलों को बंद करने की चर्चा हो रही है। सरकारी स्कूल बंद होना, सरकार की एक बड़ी विफलता है। 15 साल में राज्य में शिक्षा व्यवस्था में जो प्रगति होनी चाहिए नहीं हुई। मैं शिक्षा की प्रोफाइल बदलना चाहता था, लेकिन अवसर नहीं मिला। बच्चों में हमारे संविधान और लोकतंत्र के प्रति जागरकता होनी चाहिए। इसके लिए मैं संविधान की महत्वपूर्ण बातों को सिलेबस में शामिल करने के पक्ष में हूं।


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