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कमलनाथ ने मध्य प्रदेश उपचुनावों में फायरिंग, बूथ कैप्चरिंग का आरोप लगाया

कमलनाथ ने कई बूथ पर फायरिंग और बूथ कैप्चरिंग का आरोप लगाया। उन्होंने 3 नवंबर को सुमावली और मेहगांव में दोबारा चुनाव कराए जाने को लेकर मांग की थी। आने वाली 10 तारीख को चुनाव के नतीजे आने हैं।

By Nitin AroraEdited By: Published: Sat, 07 Nov 2020 05:29 PM (IST)Updated: Sat, 07 Nov 2020 05:29 PM (IST)
कमलनाथ ने मध्य प्रदेश उपचुनावों में फायरिंग, बूथ कैप्चरिंग का आरोप लगाया
कमलनाथ ने मध्य प्रदेश उपचुनावों में गंभीर आरोप लगाए।

भोपाल, एएनआइ। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शनिवार को आरोप लगाया कि राज्य में विधानसभा उपचुनावों में गोलीबारी और बूथ कैप्चरिंग की घटनाएं हुईं। कमलनाथ ने कहा, '3 नवंबर को सुमावली, मुरैना और मेहगांव में हुई घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण थीं। फायरिंग और बूथ कैप्चरिंग हुई थी। मुझे इस बात का दुख है कि सबूत के बावजूद चुनाव आयोग ने वहां पर दोबारा चुनाव कराए जाने को लेकर कुछ नहीं कहा।' उन्होंने आगे कहा कि मैं उन अधिकारियों को स्पष्ट करना चाहता हूं जो सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं कि सुरक्षा हमेशा के लिए नहीं रहती है। घटनाओं का प्रमाण उपलब्ध है और हम 10 नवंबर को सबके सामने रखेंगे। 

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कमलनाथ ने 3 नवंबर को सुमावली और मेहगांव में दोबारा चुनाव कराए जाने को लेकर मांग की थी। उन्होंने कहा था कि हमने मांग की है कि चुनाव आयोग को सुमावली और मेहगांव में दोबारा चुनाव होने चाहिए। सुमावली में फायरिंग हुई और मुझे भी खबर है कि शाम को मुरैना में भी फायरिंग हुई। ये सभी घटनाएं केवल भाजपा की हताशा को साबित करती हैं। बता दें कि मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर मंगलवार को उपचुनाव हुए। नतीजे 10 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।

चुनाव परिणाम पर बदल सकती है कमलनाथ की भूमिका

कहा जा रहा है कि यदि नतीजे कांग्रेस के पक्ष में नहीं आए तो प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की आवाज उठ सकती है। वैसे भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ ही हैं। इसे लेकर भाजपा आरोप लगाती रही है कि प्रदेश कांग्रेस में एक ही 'नाथ' हैं, बाकी अनाथ हैं। हालांकि, उपचुनाव के परिणाम कांग्रेस के पक्ष में रहते हैं तो कमल नाथ-दिग्विजय सिंह की जोड़ी और ताकतवर बनकर उभरेगी।

परिणाम कांग्रेस के पक्ष में नहीं आए तो नेतृत्व परिवर्तन की मांग उठ सकती है। ऐसे में पार्टी पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, युवा नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव, प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी जैसे नेताओं पर दांव लग सकता है। तीनों नेताओं का पूरे प्रदेश में न सिर्फ संपर्क बल्कि इन्हें वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं का वरदहस्त भी प्राप्त है।


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