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एंकरिंग की दुनिया छोड़ चुनाव में उतरने वाली सुप्रिया श्रीनेत का सियासत से रहा है गहरा नाता

महाराजगंज सीट से तनुश्री त्रिपाठी का टिकट काटकर कांग्रेस ने जिस सुप्रिया श्रीनेत को उम्‍मीदवार बनाया है उनका पत्रकारिता की दुनिया के साथ ही राजनीति से भी गहरा नाता रहा है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 29 Mar 2019 06:12 PM (IST)Updated: Sat, 30 Mar 2019 12:14 AM (IST)
एंकरिंग की दुनिया छोड़ चुनाव में उतरने वाली सुप्रिया श्रीनेत का सियासत से रहा है गहरा नाता
एंकरिंग की दुनिया छोड़ चुनाव में उतरने वाली सुप्रिया श्रीनेत का सियासत से रहा है गहरा नाता

नई दिल्‍ली (जेएनएन)। एक ही लोकसभा सीट से दो दलों से टिकट पाकर सुर्खियों में आने वालीं तनुश्री त्रिपाठी का टिकट काटकर कांग्रेस ने जिस सुप्रिया श्रीनेत को महाराजगंज सीट से चुनाव मैदान में उतारा है वह टेलीविजन पत्रकारिता का चर्चित चेहरा रही हैं। सियासत में कदम रखने के लिए उन्‍होंने टि्वटर पर नौकरी छोड़ने के बारे में जानकारी दी है। आइये जानते हैं सुप्रिया श्रीनेत के बारे में कुछ और खास बातें....

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समाचार चैनलों में 10 साल कर चुकी हैं काम

सुप्रिया श्रीनेत, चैनलों में विभिन्‍न पदों पर 10 साल से ज्‍याद वक्‍त तक काम कर चुकी हैं। टाइम्स टेलीविजन नेटवर्क के बिजनेस चैनल ईटी नाउ में कार्यकारी संपादक थीं। ईटी नाउ में जाने से पहले वह एनडीटीवी में असिस्‍टेंट एडिटर थीं। वह इंडिया टुडे में भी काम कर चुकी हैं।

इतिहास में हासिल की है मास्टर्स डिग्री

सुप्रिया श्रीनेत, लेडी श्रीराम कॉलेज की पूर्व छात्रा रही हैं। उन्‍होंने इतिहास में मास्टर्स डिग्री हासिल की है। उन्‍होंने अपनी स्‍कूली शिक्षा लखनऊ के लोरेटो कॉन्वेंट से की है। वह लखनऊ विश्‍वविद्यालय से राजनीति विज्ञान, इतिहास और अर्थशास्‍त्र में स्‍नातक हैं।

पूर्व सांसद हर्षवर्धन की बेटी हैं सुप्रिया

सुप्रिया महाराजगंज के कद्दावर नेता एंव पूर्व सांसद हर्षवर्धन की बेटी हैं। महाराजगंज से उनका पुराना नाता है। उनके पिता हर्षवर्धन ने साल 2014 में महाराजगंज सीट से भाजपा नेता पंकज चौधरी हराया था। हर्षवर्धन वर्ष 1985 में पहली बार जनता पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गए थे। साल 2016 में उनका देहांत हो गया था।

स्वामी विवेकानंद को मानती हैं अपना आदर्श 

सुप्रिया श्रीनेत के पति धीरेंद्र सिंह एक प्राइवेट कंपनी में कार्यरत हैं। सुप्रिया बेहद प्रतिभाशाली हैं और अपने पिता की तरह संघर्षशील हैं। वह स्वामी विवेकानंद व भगत सिंह को अपना आदर्श मानती हैं। उन्‍होंने एम. ए. करने के बाद करियर की शुरुआत एक टीवी चैनल से की थी। 

24 घंटे के भीतर तनुश्री का टिकट काट सुप्रिया को बनाया उम्‍मीदवार 

कांग्रेस ने महाराजगंज सीट से पहले तनुश्री त्रिपाठी को टिकट दिया था लेकिन 24 घंटे के भीतर ही उसने दूसरी सूची जारी करके सुप्रिया को उम्‍मीदवार बना दिया। तनुश्री के पिता और पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में दोषी हैं और फ‍िलहाल जेल में बंद हैं। इसीलिए तनुश्री को टिकट दिए जाने को लेकर कांग्रेस में काफी विवाद हो रहा था। 

पिता की विरासत को जीवित रखने की बात कही 

कांग्रेस में शामिल होने के बाद सुप्रिया श्रीनेत ने ट्वीट कर कहा, ''मैं अब राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाऊंगी। महाराजगंज सीट से मुझ पर विश्‍वास जताने के लिए कांग्रेस पार्टी, सोनिया और राहुल गांधी का आभार। मेरे लिए दिवंगत पिता की विरासत को जीवित रखना एक सम्मान की बात होगी। मैं कांग्रेस में एक सार्थक योगदान के लिए तत्‍पर हूं।''


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