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After Ayodhya Verdict: शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए NSA अजित डोभाल ने की धर्मगुरुओं के साथ बैठक

After Ayodhya Verdict सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देश में शांति और सुरक्षा का माहौल बरकरार रखने के लिए एनएसए अजित डोभाल ने हिंदू और मुस्लिम धर्मगुरुओं से मुलाकात की।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 10 Nov 2019 04:55 PM (IST)Updated: Mon, 11 Nov 2019 12:24 AM (IST)
After Ayodhya Verdict: शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए NSA अजित  डोभाल ने की धर्मगुरुओं के साथ बैठक
After Ayodhya Verdict: शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए NSA अजित डोभाल ने की धर्मगुरुओं के साथ बैठक

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। After Ayodhya Verdict: रामजन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देश में शांति और सुरक्षा का माहौल बरकरार रखने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने हिंदू और मुस्लिम धर्मगुरुओं से मुलाकात की। डोभाल ने धर्मगुरुओं को सतर्क किया कि फैसले के बाद देश के भीतर और बाहर से कुछ तत्व माहौल खराब करने की कोशिश कर सकते हैं। इससे सावधान रहने की जरूरत है। वहीं धर्मगुरुओं ने भी देश में शांति, कानून-व्यवस्था, सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने में सरकार को पूरी तरह से सहयोग का भरोसा दिया। इस मौके पर मुस्लिम धर्मगुरुओं के अलावा योगगुरु स्‍वामी रामदेव, स्वामी परमात्मानंद, अवधेशानंद गिरि,और स्वामी चिदानंद सरस्वती से मुलाकात की।

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सरकार के एहतियात की सराहना

बैठक में धर्मगुरुओं ने इस बात को लेकर संतोष जताया कि शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले को दोनों समुदाय से जुड़े करोड़ों लोगों ने पूरी जिम्मेदारी दिखाते हुए संयम के साथ स्वीकार किया। धर्मगुरुओं ने इस संबंध में सरकार की ओर से उठाए गए ऐहतियात की भी सराहना की। उनका कहना था कि देश में शांति, भाईचारा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए वे हरसंभव मदद करने को तैयार हैं।

बैठक में मौजूद मुस्लिम धर्मगुरूओं का कहना था कि इस देश का मुसलमान अमन पसंद है। ये सही है कि फैसला उसके हक में नहीं आया, लेकिन उसने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए शांति बनाए रखी। भविष्य में भी यही उसकी भूमिका रहेगी। उनके अनुसार अलकायदा, आइएसआइएस या इस तरह के किसी भी आतंकी संगठन से भारतीय मुसलमानों का संबंध नहीं रहा है और देश के साथ हर परिस्थिति में खड़ा रहा है। बैठक में शिया धर्मगुरू मौलाना कल्बे जवाद, शिया जमात ए इस्लामी के उपाध्यक्ष इंजीनियर मोहम्मद सलीम, जमीयत अहले हदीस के प्रमुख असगर इमाम सलफी, मुस्लिम मजलिस ए मुशावरत के अध्यक्ष नवेद हामिद, दरगाह अजमेर शरीफ के इमाम-जैनुल आबदीन, मौलाना आजाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अख्तरूल वासे और इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर के अध्यक्ष सिराउद्दीन कुरैशी मौजूद थे।

आगे भी जारी रहेगा विचार- विमर्श

ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि बैठक में इस बात पर विचार किया गया कि ऐसे आपसी विचार विमर्श को आगे भी जारी रखने के लिए किस तरह की व्यवस्था हो सकती है। उन्होंने कहा कि हम भले भी एक साथ ईश्वर की आराधना नहीं कर सकते हैं, लेकिन हम साथ-साथ देश के विकास और सुरक्षा के लिए साथ-साथ काम तो कर सकते हैं। बैठक में योगगुरु रामदेव, स्वामी परमानंद और स्वामी असीमानंद भी मौजूद थे।

एनएसए ने लोगों को किया सावधान

उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार यह बैठक सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पहले निर्धारित की गई थी, लेकिन फैसला पहले आ जाने के कारण बाद में करनी पड़ी। बैठक में अजीत डोभाल ने सभी धर्मगुरुओं को साफ किया कि देश के भीतर सभी समुदायों का भविष्य यहीं सुरक्षित है और सभी को एकजुट होकर देश के विकास में सहयोग करना होगा। उन्होंने लोगों को सावधान किया कि सीमा पार से और देश के भीतर भी कुछ लोग आपसी सौहार्द और भाईचारे को नष्ट करने की कोशिश में जुटे हैं। इसके लिए वे अयोध्या फैसले का इस्तेमाल कर सकते हैं।

अवधेशानंद गिरि और परमात्मानंद ने बताया कि अयोध्या पर फैसले के बाद देश की परिस्थितियों को लेकर डोभाल से चर्चा हुई। परमात्मानंद ने कहा कि हमने देश में शांति-व्यवस्था बनाए रखने के उपायों पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के साथ चर्चा की। हम इसे लेकर काम करते रहेंगे।


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