तिरंगा नहीं उठाने वाले बयान पर जितेंद्र सिंह का महबूबा मुफ्ती पर हमला, बताया अलगाववादियों से ज्यादा खतरनाक
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को महबूबा मुफ्ती के उस बयान पर करारा पलटवार किया जिसमें पीडीपी सुप्रीमो ने कहा है कि वह जम्मू-कश्मीर के झंडे के अलावा कोई दूसरा ध्वज नहीं उठाएंगी। जानें केंद्रीय मंत्री (Union Minister Jitendra Singh) ने क्या कहा...
नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को महबूबा मुफ्ती के उस बयान पर करारा पलटवार किया जिसमें पीडीपी सुप्रीमो ने कहा है कि वह जम्मू-कश्मीर के झंडे के अलावा कोई दूसरा ध्वज नहीं उठाएंगी। जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने पीडीपी अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि वे सत्ता में आने के दौरान भारत माता की जय कहते हुए शपथ लेती हैं लेकिन जब सत्ता से बाहर जाती हैं तो पाकिस्तान की शपथ लेना शुरू कर देती हैं। यही नहीं जम्मू-कश्मीर के एकीकरण पर सवाल उठाते हैं।
जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने कहा कि महबूबा मुफ्ती मुख्यधारा की राजनीतिज्ञ होने का दावा जरूर करती हैं लेकिन उन्हें तिरंगा ले जाने में संकोच है। हम लोग पहले से कहते आ रहे हैं कि अक्सर ऐसा लगता है कि मुख्य धारा इस तरह के नेताओं को किसी तरह से सत्ता चाहिए। उनकी भाषा और बोली उनके फायदे तय होती है। केंद्रीय मंत्री ने तंज कसते हुए यह भी कहा कि कश्मीर के ऐसे तथाकथित राजनेता कभी-कभी अलगाववादियों की तुलना में ज्यादा खतरनाक व्यवहार करते हैं।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर के इन नेताओं ने अपनी सुविधा के हिसाब से परिभाषा गढ़ ली है। जब ये नेता सत्ता में बने रहते हैं तो भारत माता की जय कहते हैं लेकिन सत्ता से बेदखल होते ही पाकिस्तान की शपथ लेने लगते हैं। यही नहीं इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) की एकता और अखंडता पर सवाल खड़ा करना शुरू कर देते हैं।' केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि आप इस तरह के नेताओं (Mehbooba Mufti) से ऐसी ही उम्मीद कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि 14 महीने की हिरासत के बाद शुक्रवार को पहली बार पत्रकारों से रूबरू हुई महबूबा मुफ्ती कहा कि उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर को पुराना दर्जा वापस दिलाने में जमीन-आसमान एक कर देगी। भाजपा ने जिस तरह पिछले साल जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाया है वह हमारे लोगों के साथ डकैती से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि वह अनुच्छेद 370 फिर से लागू होने तक कोई झंडा नहीं उठाएगी। तिरंगे के साथ हमारा संबंध जम्मू-कश्मीर के झंडे की वजह से ही है। जब हमारा झंडा हमारे हाथ आएगा तभी हम तिरंगे को उठाएंगे।