जम्मू-कश्मीरः जानिए- 24 घंटे में राज्य की सियासत ने कैसे ली करवट
जम्मू राज्यपाल ने सरकार बनाने के लिए जारी उठापटक में जुटे विभिन्न दलों को पटखनी देते हुए गत पांच माह से निलंबित राज्य विधानसभा को भंग कर दिया है।
जम्मू(जेएनएन)। शीतलहर की मार झेल रही कश्मीर घाटी में बुधवार दिनभर सियासी गर्माहट छाई रही। 24 घंटे में राज्य की सियासत ने कई करवट ली और अंतत: राज्यपाल ने विधानसभा भंग करने का आदेश जारी कर दिया। मंगलवार शाम से ही जारी सरकार बनाने की चर्चाओं के साथ बुधवार को घटनाक्रम पल-पल बदलता रहा।
दोपहर करीब 12.45 बजे पीडीपी नेता सईद अल्ताफ बुखारी की नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के साथ बैठक हुई। यह बैठक लगभग एक घंटे तक चली और इसके साथ ही राज्य के सियासी घटनाक्रम तेजी से बदलने लगे।
दोपहर दो बजे अल्ताफ बुखारी ने नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के साथ गठजोड़ की कवायद की पुष्टि कर दी।
दोपहर बाद 2.30 पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीए मीर ने भी गठजोड़ पर चर्चा की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि अंतिम फैसला आलाकमान लेगी।
दोपहर बाद तीन बजे नेकां के महासचिव अली मुहम्मद सागर व पूर्व स्पीकर मुबारक गुल ने कहा कि पीडीपी के साथ गठजोड़ का अंतिम फैसला गुरुवार को कोर ग्रप की बैठक में होगा।
3.30 बजे राजभवन ने किसी भी दल द्वारा गठबंधन सरकार बनाने का दावा पेश किए जाने से इन्कार किया।
शाम चार बजे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीए मीर गठजोड़ पर चर्चा के लिए श्रीनगर से दिल्ली रवाना हो गए।
शाम पांच बजे नेशनल कांफ्रेंस के अतिरिक्त महासचिव डॉ. मुस्तफा कमाल ने पीडीपी व कांग्रेस के गठजोड़ को आत्मघाती बताया।
इसी बीच पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन और पीडीपी के बागी विधायक इमरान रजा अंसारी लंदन यात्रा बीच में ही छोड़ दिल्ली पहुंचे।
शाम 6.00 बजे के करीब पीडीपी ने पहली बार दावा किया कि उसने राज्यपाल को सरकार बनाने के लिए अपना दावा पेश कर दिया है। लेकिन राजभवन ने पुष्टि नहीं की।
शाम 6.45 बजे के करीब राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अपने सभी सलाहकारों और प्रमुख सचिव उमंग नरुला को राजभवन में बुलाया।
रात 8.00 बजे महबूबा ने ट्विटर पर राज्यपाल को सरकार बनाने के लिए भेजे गए पत्र को अपलोड कर दिया। इसमें 56 विधायकों के समर्थन का दावा किया गया था।
रात 8.30 बजे पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन ने भी ट्विटर पर दावा किया कि उन्होंने भी सरकार बनाने का दावा पेश किया है और राज्यपाल को वाट्सएप करने के अलावा पत्र भी भेजा है।
सज्जाद गनी लोन के दावे के चंद मिनटों बाद राजभवन से सूचना आई कि राज्यपाल ने सरकार बनाने के लिए जारी उठापटक में जुटे विभिन्न दलों को पटखनी देते हुए गत पांच माह से निलंबित राज्य विधानसभा को भंग कर दिया है। इस तरह से प्रदेश में सरकार गठन की तमाम अटकलों पर पूर्ण विराम लग गया।
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