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जेटली ने कहा- मोदी सरकार ने लागू किए दूसरी पीढ़ी के सुधार, 5 साल में लागू हुए गेम चेंजिंग सुधार

जेटली ने मोदी सरकार के 14 सुधारों का उल्लेख किया और उन्हें गेम चेंजिग निर्णय करार दिया। उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश भविष्य में भी इसी दिशा में चलने की होगी।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 18 Mar 2019 09:05 PM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2019 09:05 PM (IST)
जेटली ने कहा- मोदी सरकार ने लागू किए दूसरी पीढ़ी के सुधार, 5 साल में लागू हुए गेम चेंजिंग सुधार
जेटली ने कहा- मोदी सरकार ने लागू किए दूसरी पीढ़ी के सुधार, 5 साल में लागू हुए गेम चेंजिंग सुधार

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बीते पांच साल में मोदी सरकार की ओर किए गये सुधारों को गेमचेंजर करार दिया है। उनका कहना है कि सरकार ने क्रमबद्ध और निरंतर बहुप्रतीक्षित दूसरी पीढ़ी के सुधारों को लागू किया है।

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जेटली ने कहा कि मोदी सरकार ने टैक्स सुधारों के साथ-साथ कालेधन पर नियंत्रण लगाने, दिवालियेपन पर नया कानून बनाने, नोटबंदी, महंगाई को काबू करने के लिए कदम उठाने, सहकारी संघवाद को प्रोत्साहित करने और आयुष्मान भारत योजना को शुरु करने सहित सामाजिक व ढांचागत क्षेत्र में सुधारों के लिए परिवर्तनकारी निर्णय किए हैं।

जेटली ने कहा कि किसी भी देश के जीवन में पांच साल का समय एक लंबी अवधि नहीं है। यह हालांकि उक्त देश की प्रगति की दिशा में एक अहम मोड़ साबित हो सकता है। 1991 भारत के इतिहास में अहम वर्ष था।

जेटली ने यह बात एजेंडा-2019 शीर्षक से अपने ब्लॉग में कही। जेटली ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री पी वी नरसिंह राव सरकार को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा। आर्थिक संकट ने उन्हें सुधार करने पर मजबूर किया।

जेटली ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी में कई लोगों ने सुधारों का समर्थन करने की प्रतिबद्धता नहीं दिखायी। 1991-93 तक शुरुआती दो वर्षो को छोड़ दें तो उसके बाद कांग्रेस पार्टी सुधारों के प्रति गंभीर नहीं दिखी। शायद यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी के समकालीन इतिहास से पी वी नरसिंह राव की यादों को मिटाने की कवायद चल रही है।

जेटली ने कहा कि राष्ट्रीय मोर्चा सरकार ने आंशिक रूप से प्रत्यक्ष टैक्सों को तर्कसंगत बनाने का प्रयास किया। इसके बाद एनडीए-1 सरकार ने ढांचागत निर्माण और राजकोषीय प्रबंधन के संबंध में अहम निर्णय लिये। इसके बाद 2004 से 2014 के दौरान यूपीए की सरकारें आर्थिक विस्तार के बजाय सिर्फ नारेबाजी में ही व्यस्त रहीं।

जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब सत्ता संभाली तब भारत दुनिया की पांच नाजुक अर्थव्यवस्थाओं में था और उस समय यह कहा जा रहा था कि किसी भी समय ब्रिक्स से इंडिया का आई बाहर निकल जाएगा। ऐसे में सरकार के पास सुधारों को लागू करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं था। उस समय भारतीय अर्थव्यवस्था के समक्ष सुधार करो या बरबाद हो जाओ की चुनौती थी। यही वजह है कि मोदी सरकार ने बीते पांच साल में बहुप्रतीक्षित दूसरी पीढ़ी के सुधारों को लागू किया।

जेटली ने मोदी सरकार के 14 सुधारों का उल्लेख किया और उन्हें गेम चेंजिग निर्णय करार दिया। उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश भविष्य में भी इसी दिशा में चलने की होगी। 


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