अफगानिस्तान पर तालिबान का नियंत्रण को लेकर जयशंकर ने ब्रिटिश विदेश मंत्री राब से की वार्ता
अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर भारत दुनिया के कई प्रमुख देशों के संपर्क में है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अफगानिस्तान के हालात पर चर्चा की थी। अफगान से सभी देश अपने नागरिकों को बाहर निकालने में जुटे भारत ने 800 लोग निकाले।
नई दिल्ली, प्रेट्र। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को अपने ब्रिटिश समकक्ष डोमिनिक राब के साथ अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण की पृष्ठभूमि में उस देश से जुड़े घटनाक्रम के बारे में चर्चा की।
अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर जयशंकर ने ब्रिटिश विदेश मंत्री से की वार्ता
जयशंकर ने ट्वीट किया, 'ब्रिटिश विदेश मंत्री डोमिनिक राब के साथ दोपहर में बातचीत की। हमारी बातचीत अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर केंद्गित रही।'
अफगानिस्तान को लेकर भारत दुनिया के प्रमुख देशों के संपर्क में
गौरतलब है कि अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर भारत दुनिया के कई प्रमुख देशों के संपर्क में है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अफगानिस्तान के हालात पर चर्चा की थी।
अफगान से सभी देश अपने नागरिकों को बाहर निकालने में जुटे, भारत ने 800 लोग निकाले
अफगानिस्तान पर 15 अगस्त को तालिबान के कब्जे के बाद लगभग सभी देश वहां से अपने नागरिकों को बाहर निकालने में जुटे हैं। भारत ने नागरिकों को बाहर निकालने का मिशन 16 अगस्त को शुरू किया था और अब तक अफगानिस्तान के सिख एवं हिंदू सहित करीब 800 लोगों को बाहर निकाला गया है।
भारतीय विदेश मंत्री ने शोक जताया
भारतीय विदेश मंत्री डा. एस जयशंकर ने श्रीलंका के पूर्व विदेश मंत्री समरवीरा के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है। विदेश मंत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि श्रीलंका के पूर्व विदेश मंत्री मंगला समरवीरा के निधन से गहरा दुख पहुंचा है। उन्होंने कहा कि वह एक उदार व्यक्तित्व वाले भारत के एक सच्चे दोस्त थे। उनकी आत्मा को शांति मिले।
पिछले वर्ष ही श्रीलंका की सक्रिय राजनीति से संन्यास लिया था
समरवीरा दो बार विदेश मंत्री के पद पर रहे। उनका पहला कार्यकाल वर्ष 2005-2007 के बीच रहा। वर्ष 2015-2017 के बीच वह दोबारा श्रीलंका के विदेश मंत्री के पद पर रहे। समरवीरा पूर्व संसदीय अध्यक्ष डब्ल्यूजेएम लोकुबंदारा की मृत्यु के बाद कोरोनो वायरस का शिकार होने वाले दूसरे शीर्ष श्रीलंकाई राजनेता थे। उदार लोकतांत्रिक राजनीति के समर्थक समरवीरा वित्त मंत्रालय सहित कई अन्य मंत्रालयों में भी शीर्ष पदों पर कार्य कर चुके है। पिछले वर्ष ही उन्होंने श्रीलंका की सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया था।