आयुष्मान भारत पर सरकार को घेरने आए जयराम रमेश खुद के सवालों में घिर गए
आयुष्मान भारत पर सरकार को घेरने आए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश शनिवार को खुद के ही सवालों में घिर गए।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आयुष्मान भारत पर सरकार को घेरने आए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश शनिवार को खुद के ही सवालों में घिर गए। हुआ कुछ यूं, कि उन्होंने आयुष्मान भारत की कमियां गिनाते हुए कहा कि यह ऐसी योजना है जिसमें मधुमेह और हाई ब्लड़ प्रेशर से पीडि़तों के लिए इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है। जबकि देश में इससे पीडि़तों की संख्या काफी ज्यादा है।
हालांकि जैसे ही उनसे पूछा गया, यूपीए के समय में जो स्वास्थ्य स्कीम लाई गई थी, उनमें क्या यह शामिल थी, तो फिर वह निरुत्तर से हो गए।
जयराम की गिनती वैसे तो पार्टी के उन नेताओं में होती है, जो किसी भी मुद्दे पर बोलने से पहले काफी तैयारी करके आते हैं, लेकिन आयुष्मान भारत पर वह कुछ ज्यादा नहीं बोल सके। पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने आयुष्मान भारत की कमियों गिनाते हुए सरकार को जमकर आड़े हाथ लिया। उन्होंने योजना को बीमा कंपनियों और निजी अस्पतालों को लाभ पहुंचाने वाला बताया।
सरकार के दावे पर सवाल खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि इसके जरिए करीब 10 करोड़ परिवारों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने की बात की जा रही है, जबकि देश में मौजूदा समय में केंद्र और राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही स्वास्थ्य योजनाओं में पहले से करीब 11 करोड़ लोगों को लाभ मिल रहा है। फिर इनमें नया क्या है?
उन्होंने योजना में निजी बीमा कंपनियों और अस्पतालों को फर्जीवाड़े की खुली छूट देने का भी मुद्दा उठाया और कहा कि योजना में पांच तरह के फर्जीवाड़ा होने की संभावना जताई गई है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि दो बार फर्जीवाड़ा करने पर किसी पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। यानि दो बार फर्जीवाड़ा करने की छूट दे दी गई है।
एक सवाल के जबाव में उन्होंने कहा कांग्रेस की सरकार आएगी, तो वह शिक्षा, सूचना और रोजगार जैसी अपनी गारंटेड योजनाओं की तरह स्वास्थ्य सुरक्षा को भी अनिवार्य बनाएगी। वैसे भी आयुष्मान भारत योजना एक बीमा योजना है, कोई स्वास्थ्य सुरक्षा योजना नहीं है।
उन्होंने कहा आयुष्मान भारत के उस दावे को भी झूठा बताने की कोशिश की, जिसके तहत पांच लाख रुपए तक का इलाज हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से गलत है, इससे सिर्फ 50 हजार रुपए तक के ईलाज का ही लाभ मिलेगा, क्योंकि इसके लिए सरकार की ओर से सिर्फ 11 सौ रुपए ही प्रीमियम दी जा रही है। हालांकि जैसे ही उन्हें बताया गया कि यह दावा नहीं, बल्कि लोगों को मिल रहा है। इसके बाद वह चुप हो गए।