लालू परिवार का ताजा हाल, बेटी पर ईडी की चार्जशीट; पापा को दिया जेल में डाल
राजनेताओं के जेल जाने से अचंभा नहीं होता है। लेकिन समाजवादी नेता जब भ्रष्टाचार के मामले में जेल में जाते हैं तो एक विचारधारा सवालों के घेरे में आ जाती है।
नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क]। शनिवार 23 दिसंबर का दिन समाजवादी नेता लालू प्रसाद यादव के लिए भारी रहा तो 3 जनवरी 2018 का दिन भी कुछ कम नहीं है। ये बात अलग है कि सजा पाने से पहले तक उन्हें उम्मीद थी कि वो बेदाग बाहर निकलेंगे। लेकिन सीबीआइ जज शिवपाल सिंह के फैसले के बाद ये साफ हो गया कि उनका अगला पड़ाव पटना या दिल्ली का आवास नहीं बल्कि रांची की जेल है।
देवघर कोषागार से निकासी मामले में अदालत ने लालू प्रसाद यादव को दोषी माना गया था और सजा की अवधि के लिए तीन जनवरी का दिन मुकर्रर किया गया था। इसके साथ ही उनकी प्रिय बेटियों में से एक मीसा भारती (आपातकाल के दौरान पैदा होने पर अपनी बेटी का नाम मीसा रखा, दरअसल लालू यादव को मीसा एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था) के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय भी चार्जशीट दाखिल कर चुका है। इस तरह से शनिवार 23 दिसंबर का दिन बाप और बेटी के लिए आफत वाला दिन साबित हुआ था। पहले बात करते हैं लालू प्रसाद यादव की ।
लालू यादव की जेल यात्रा
1997 में 137 दिन जेल में रहे थे लालू
लालू प्रसाद 10 मार्च 1990 को पहली बार और 1995 में दूसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। लालू यादव का नाम 1996 में मुख्य रूप से सामने आया। लालू यादव को साल 1997 में पहली बार न्यायिक हिरासत रखा गया और 12 दिसंबर 1997 को वे रिहा हो गए।
1998 में बेऊर जेल में रखे गए थे लालू
इसके बाद दूसरी बार इस मामले में उन्हें 28 अक्टूबर 1998 को जेल यात्रा करनी पड़ी। इस दौरान राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख को बेऊर जेल में रखा गया था। हालांकि इसके बाद भी उन्हें फिर जमानत मिल गई।
2000 में लालू ने 1 दिन ही जेल में गुजारा
लालू प्रसाद यादव को इस मामले में एक बार फिर 28 नवंबर 2000 को गिरफ्तार किया गया। हालांकि इस बार लालू प्रसाद यादव को सिर्फ 1 दिन ही जेल में गुजारना पड़ा।
2013 में फिर जेल गए थे लालू प्रसाद यादव
इसके बाद 2013 में चारा घोटाले से ही जुड़े एक मामले में 37 करोड़ रुपये के गबन को लेकर लालू यादव दोषी पाए गए। इस दौरान उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी।
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पूजा-पाठ नहीं आई काम
लालू यादव की रिहाई के लिए 23 दिसंबर 2017 को पटना से लेकर उनके पैतृक गांव फुलवरिया तक पूजा पाठ की गई थी। ऐसा ही नजारा बुधवार को भी देखने को मिल सकता है, जब लालू यादव को इस मामले में सजा सुनाई जानी है। जिस दिन उन्हें दोषी ठहराया गया था उस दिन उनके साथ उनके छोटे बेटे तेजस्वी जहां रांची में थे,तो वहीं बड़े बेटे तेजप्रताप यादव मां राबड़ी के पास पटना में रुके रहे। तेजप्रताप ने सुबह पूजा-पाठ की और लालू के लिए दुआएं मांगीं थीं।
लालू प्रसाद के पैतृक गांव फुलवरिया के ग्रामीणों की बेचैनी भी बढ़ी हुई थी और गांव के दुर्गा मंदिर में ग्रामीण लालू प्रसाद के बरी होने के लिए पूजा अर्चना कर रहे थे। इस मंदिर को लालू प्रसाद ने ही बनवाया है। मंदिर में पूजा-अर्चना कर रहे लालू प्रसाद के भतीजा नितेश कुमार, पोता लवकुश, मंदिर के महंथ हीरामन दास आदि का कहना था कि लालू प्रसाद को साजिश के तहत चारा घोटाले में फंसाया गया है।
मीसा, भ्रष्टाचार और प्रवर्तन निदेशालय
उधर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में लालू यादव की बेटी मीसा भारती और उनके पति शैलेश कुमार के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी। ईडी के वकील नीतेश राणा ने विशेष न्यायाधीश एन के मल्होत्रा की अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया। जांच एजेंसी ने भारती और उनके पति के खिलाफ धन शोधन मामले की जांच के संबंध में दिल्ली का एक फार्महाउस कुर्क कर लिया था। दक्षिण दिल्ली के बिजवासन इलाके में 26, पालम फार्म्स में स्थित इस फार्महाउस को धन शोधन निरोधक अधिनियम पीएमएलए के तहत अस्थाई रूप से कुर्क किया गया।
ईडी ने पीएमएलए के तहत जैन बंधुओं को गिरफ्तार किया। जांच एजेंसी ने एक चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश अग्रवाल को भी गिरफ्तार किया, जिन्होंने अग्रिम राशि के तौर पर जैन बंधुओं को 90 लाख रुपये दिए ताकि मिस मिशेल पैकर्स एंड प्रिंटर्स लिमिटेड में शेयर प्रीमियम के तौर निवेश किया जा सकें। ईडी ने कहा कि मिस मिशेल पैकर्स एंड प्रिंटर्स के शेयर मीसा द्वारा खरीदे जाने तक वह 25, तुगलक रोड, नई दिल्ली के पते पर पंजीकृत थी। साल 2009-10 के दौरान इसका पता बदलकर 26, पालम फार्म्स, वीपीओ बिजवासन, नई दिल्ली कर दिया गया। मीसा और उनके पति संबंधित अवधि के दौरान कंपनी के निदेशक थे। जांच एजेंसी ने इस मामले में दंपति से पूछताछ भी की और उनके बयान भी दर्ज किए।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि यह फार्महाउस मीसा और शैलेश कुमार का है। और यह मिस मिशेल पैकर्स एंड प्रिंटर्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर है। ईडी ने आरोप लगाया, यह साल 2008-09 में धन शोधन में शामिल 1.2 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कर खरीदा गया है। ईडी ने दो भाइयों सुरेंद्र कुमार जैन और वीरेंद्र जैन तथा अन्यों के खिलाफ अपनी जांच के संबंध में जुलाई में इस फार्महाउस तथा अन्य जगहों पर छापे भी मारे थे। इन लोगों पर फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल कर कई करोड़ रुपयों का धन शोधन करने का आरोप है।
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