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अमरावती की जगह विशाखापत्तनम को राजधानी बनाने का विचार छोड़ें जगन रेड़्डी सरकार: कांग्रेस नेता

कांग्रेस नेता ने मुख्यमंत्री वाईएस जगन रेड्डी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार से एक अतिरिक्त नौकरी कैलेंडर जारी करने की भी मांग की। उन्होंनें मांग की कि राज्य सरकार में लगभग 2.5 लाख नौकरी रिक्तियां हैं हाल ही में जारी नौकरी कैलेंडर केवल 10000 नौकरियों को भरने का है।

By Nitin AroraEdited By: Published: Fri, 23 Jul 2021 06:33 PM (IST)Updated: Fri, 23 Jul 2021 06:51 PM (IST)
अमरावती की जगह विशाखापत्तनम को राजधानी बनाने का विचार छोड़ें जगन रेड़्डी सरकार: कांग्रेस नेता
राजधानी को विशाखापत्तनम में बदलने का विचार छोड़ें जगन रेड्डी सरकार: कांग्रेस नेता

विजयवाड़ा, एएनआइ। आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) के कार्यकारी अध्यक्ष एन तुलसी रेड्डी ने राज्य सरकार से राजधानी को अमरावती से विशाखापत्तनम बदलने करने के विचार को वापस लेने की मांग की है। अमरावती में जमीन से संबंधित इनसाइडर ट्रेडिंग पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले का जिक्र करते हुए, रेड्डी ने कहा कि इस विचार को छोड़ दिया जाना चाहिए क्योंकि अमरावती से विशाखापत्तनम में राजधानी को स्थानांतरित करने के पीछे कोई भी आवश्यकताएं नहीं हैं।

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कांग्रेस नेता ने मुख्यमंत्री वाईएस जगन रेड्डी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार से एक अतिरिक्त नौकरी कैलेंडर जारी करने की भी मांग की। उन्होंनें मांग की कि राज्य सरकार में लगभग 2.5 लाख नौकरी रिक्तियां हैं, हाल ही में जारी नौकरी कैलेंडर केवल 10,000 नौकरियों को भरने का है। इसलिए, एक अतिरिक्त नौकरी कैलेंडर जारी किया जाना चाहिए और सभी सरकारी नौकरियों में रिक्तियों को भरा जाना चाहिए।

तुलसी रेड्डी ने बताया कि रायलसीमा क्षेत्र में कापू समुदाय की महिलाओं को 'कापू नेस्तम' कल्याण योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ तकनीकी मुद्दों के कारण, रायलसीमा क्षेत्र में कापू समुदाय की मान्यता नहीं है और इसलिए, वे लाभ प्राप्त करने में असमर्थ हैं। उन महिलाओं को भी लाभ पहुंचाने के लिए सरकार को पहल करनी चाहिए।

बता दें कि इससे पहले भी राजधानी बदलने की कवायद हुई। 2019 में आंध्र प्रदेश की कैबिनेट में कहा गया था कि राजधानी बदलने के मुद्दे पर फैसला नहीं हो सका। मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने अपने मंत्रिमंडल के साथियों से कहा था कि इस मुद्दे पर अभी कोई जल्दी नहीं है, क्योंकि इससे अशांति पैदा हो सकती है।


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